सरकार का आदेश दरकिनार, आयुष विग ओपीडी बंद
-एक ही छत के नीचे मरीजों के इलाज का सपना हो रहा चकनाचूर -जिम्मेदारों को फिक्र नहीं
-एक ही छत के नीचे मरीजों के इलाज का सपना हो रहा चकनाचूर
-जिम्मेदारों को फिक्र नहीं, भटकने को मजदूर हैं मरीज-तीमारदार
जागरण संवाददाता, बलरामपुर (आजमगढ़) : सरकार के आदेश को भी जिम्मेदार किनारे लगाने में देर नहीं लगा रहे हैं। आयुष विग ओपीडी कोरोना काल में जड़ा ताला अब तक नहीं खुल पाया है। इससे मरीज आए दिन भटकने के बाद बैरंग होने को मजबूर हैं। सबकुछ जानने के बावजूद जिम्मेदार खामशों की चादर ओढ़े सोए पड़े हैं।
सरकार एक छत के नीचे मरीजों को आयुर्वेद पद्धति से इलाज उपलब्ध कराने के लिए आयुष विग का कांसेप्ट लाई थी। इसके लिए बकायदा भवन बनाकर दो चिकित्सकों मतलूब अहमद खान व राजकुंवर राय और एक फार्मासिस्ट की तैनाती भी की गई। आयुष विग खुला तो लोगों आयुर्वेद पद्धति से इलाज कराने में रुचि भी दिखाई थी। कोरोना का कहर पीक पर पहुंचा तो आयुष विग को बंद कर दिया गया था। अब लोग सवाल उठा रहे, जब सबकुछ खुल गया तो आयुष विग पर ताला क्यों जड़ा रहता है। चूंकि सामान्य ओपीडी खुल चुकी है, लिहाजा रोजाना 40 से 50 लोग रोजाना पहुंचते हैं। यहां ताला पड़ा देख व्यवस्था को कोसते हुए फिर से एलोपैथ चिकित्सकों के यहां इलाज को जा पहुंचते हैं। आयुष विग से भी ओपीडी में पहुंचे मरीजों को सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, सांस फूलना, घबराहट होना इत्यादि परेशानियों की दवाएं भी दी जाती हैं। डाक्टरों को भी मरीजों की कोई चिता नहीं कि अधिकारियों से सवाल उठाएं कि उनके मरीजों को परेशानी हो रही है।
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आयुष विग ओपीडी में सीएमओ के निर्देश पर कोविड की जांच कराई जा रही है। मैं मरीजों की परेशानी महसूस कर रहा हूं। अस्थाई रूप से ओपीडी ट्रामा सेंटर में शुरू करवाया हूं। मरीज नए स्थान पर पहुंचे, कोई परेशानी हो तो मुझे जरूर बताएं। डाक्टरों का बैठना भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
डा. अनूप कुमार सिंह, एसआइसी मंडलीय जिला अस्पताल