बसों में खचाखच भीड़, फिर भी घाटे में रोडवेज

आजमगढ़ कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए शासन एवं प्रशासन स्तर से हर जगह शारीरिक दूरी का पालन कराया जा रहा है। रोडवेज बसों में सरकारकी फरमान दम तोड़ता नजर आ रहा है। बसों में खचाखच भीड़ सीट फुल होने के बाद यात्रियों को खड़े होकर सफर करना पड़ रहा है। कारण की सीट फुल होने के बाद ही बसों को गंतव्य के लिए रवाना किया जा रहा है। हालांकि दिल्ली जाने वाली बसों में कुछ हद तक शारीरिक दूरी का पालन जरूर दिख रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 05:07 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 05:07 PM (IST)
बसों में खचाखच भीड़, फिर भी घाटे में रोडवेज
बसों में खचाखच भीड़, फिर भी घाटे में रोडवेज

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : कोविड -19 संक्रमण को रोकने के लिए शासन एवं प्रशासन प्रत्येक जगह शारीरिक दूरी का पालन करा रहा है। लेकिन रोडवेज बसों में सरकारी फरमान दम तोड़ता नजर आ रहा है। बसों में खचाखच भीड़ होने के कारण खड़े होकर लोग सफर करने को विवश हैं। दरअसल, अड्डे से ही बसें सीट फुल होने के बाद गंतव्य के लिए रवाना की जा रही हैं। दिल्ली जाने वाली बसों में जरूर कुछ हद तक शारीरिक दूरी का पालन दिख रहा है।

रोडवेज बस की बड़ी बस में 54 सीट है। बसों में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए एक जून से बसों का संचालन शुरू किया गया। शुरुआत में यात्री कम निकले तो शारीरिक दूरी का पालन हो रहा था। वर्तमान में यात्रियों की संख्या बढ़ने पर 50 फीसद बसों को खड़ा कर दिया गया। बसों का टोटा होने से भीड़ ज्यादा हो जा रही है। निगम के अधिकारियों के निर्देश पर स्टेशन पर 54 यात्रियों को बैठाने के बाद भी गाड़ियों को रवाना किया जा रहा है। रास्ते में मिल रहे यात्रियों को भी बैठा लिया जा रहा है। इससे बसों की शारीरिक दूरी पालन नहीं हो पा रहा है। बसों में न तो सैनिटाइजर की सुविधा और न ही किसी के मास्क लगाने की बाध्यता है। ऐसे में कोरोना का खतरा दिनोदिन बढ़ रहा है। स्टेशन पर एक कर्मचारी को थर्मल स्क्रीनिग व सैनिटाइजर के लिए बैठा दिया गया है, लेकिन वहां तक यात्री पहुंचते ही नहीं।

वर्जन:::

-पहले शासन से एक बस में 26 यात्रियों को ले जाने का निर्देश था। अब सीट फुल होने पर ही बसों को रवाना करने का निर्देश है। उसी का पालन कराया जा रहा है। स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिग व सैनिटाइजर की सुविधा है, लेकिन रास्ते में जांच की सुविधा नहीं है।

-पीके तिवारी, क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम।

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