विपरित परिस्थितियों में भी जमाली पर था भरोसा

बसपा को - सपा की लहर में जिले की एकमात्र मुबारकपुर की सीट पर दिलाई थी जीत -दो बार से

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 08:10 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 08:10 PM (IST)
विपरित परिस्थितियों में भी जमाली पर था भरोसा
विपरित परिस्थितियों में भी जमाली पर था भरोसा

बसपा को

- सपा की लहर में जिले की एकमात्र मुबारकपुर की सीट पर दिलाई थी जीत

-दो बार से विधायक आलम संकट के समय पहुंचते रहे लोगों के बीच जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिले के बसपा कार्यकर्ताओं के लिए गुरुवार का दिन खुशियों भरा रहा। मुबारकपुर के विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को पार्टी ने विधानमंडल दल का नेता मनोनीत किया है। कोरोना काल के कारण खुशियां व्यक्त करने के लिए कहीं कोई सार्वजनिक कार्यक्रम से परहेज किया गया।

वर्ष 2012 व 2017 में लगाकर मुबारकपुर से विधायक चुने गए शाह आलम पार्टी सुप्रीमों के विश्वास पात्र लोगों में शुमार रहे हैं। शायद यही कारण रहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया, लेकिन उस समय वह तीसरे नंबर पर रहे। लोकसभा चुनाव में हार के बाद भी पार्टी ने उन पर विश्वास कर 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट दिया तो उन्होंने यह सीट जीतकर बसपा की झोली में डाल दी। जब वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में जिले की 10 सीटों में नौ पर सपा को सफलता मिली तो उस समय जमाली ने मुबारकपुर में सपा को जीत से दूर कर दिया।

विधायक के करीबी अब्दुल्ला ने बताया कि मूल रूप से मुहम्मदपुर ब्लाक के जमालपुर के रहने वाले गुड्डू के पिता नियाज अहमद जमाली जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। उन्होंने प्रैक्टिस शुरू करने के बाद शहर के टेढि़या मस्जिद (बाजबहादुर) में मकान बनवाया। गुड्डू ने हाईस्कूल की शिक्षा जिले से अर्जित करने के बाद जामिया इस्लामिया दिल्ली से एमबीए करके कांस्ट्रक्शन का काम शुरू किया। कुछ समय बात बसपा के समतामूलक समाज के नारे से प्रभावित होकर पार्टी के सुप्रीमों के करीब पहुंचे तो उन्हें मुबारकपुर से टिकट मिल गया। पहली बार के प्रयास में वह विधायक बने तो जनता से नाता जोड़ा। लोगों की जरूरत पर उनके बीच पहुंचने लगे। अबकी कोरोना की दूसरी लहर में जब आक्सीजन के लिए हाहाकार मचा तो उसकी व्यवस्था भी की।

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