बर्मिघम में निजामाबाद के ब्लैक पॉटरी की धमक

आजमगढ़ : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बना चुकी ब्लैक पॉटरी की धमक इंग्लैंड तक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 11:44 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 11:44 PM (IST)
बर्मिघम में निजामाबाद के ब्लैक पॉटरी की धमक
बर्मिघम में निजामाबाद के ब्लैक पॉटरी की धमक

आजमगढ़ : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बना चुकी ब्लैक पॉटरी की धमक इंग्लैंड तक पहुंच चुकी है। राष्ट्रीय व राज्य पुरस्कार से सम्मानित निजामाबाद के हुसैनाबाद निवासी हस्तशिल्पी रामजतन प्रजापति ने बर्मिघम में चाक पर मिट्टी के बर्तन को आकार दिया तो वहां मौजूद हस्तकला के निर्यातक सराहे बिना नहीं रहे। ब्लैक पॉटरी से जुड़े विभिन्न उत्पादों के स्टॉल पर विभिन्न देशों के अतिथियों ने देखा और सैंपल लिये। यही नहीं, वहां मौजूद भारत के एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फार हैंडीक्राफ्ट के ए¨क्टग काउंसिल जनरल एसएम चक्रवर्ती ने प्रशस्ति पत्र भी दिया।

बर्मिंघम से लौटे रामजतन प्रजापति ने 'दैनिक जागरण' से बताया कि हस्तकला को बढ़ावा देने और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बर्मिघम में दो से पांच सितंबर तक चार दिवसीय एक्सपोर्ट मेले का आयोजन किया गया था। वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से भारत के विभिन्न प्रदेशों के पांच हस्तशिल्पियों को भेजा गया था। उनके अलावा जयपुर के ब्रास, कश्मीर के शाल और उड़ीसा के पत्थर तराशने और ताड़ के पत्ते पर डिजाइन करने वाले हस्तशिल्पी गए थे। वहां लगी प्रदर्शनी में भारत की हस्तकला में झलक रही भारतीय संस्कृति को देख लोगों ने सराहना की। बताया कि एक्सपोर्टरों ने परंपरागत संसाधन के बजाए आधुनिक मशीनों से बर्तन या सजावटी सामान बनाने पर जोर दिया। बताया कि वे अपने साथ नमूने के तौर पर ब्लैक पॉटरी के कुछ शिव¨लग, जार आदि ले गए थे जिसे लोग सैंपल के तौर पर अपने साथ ले गए। उन्होंने बताया कि वहां जाने के बाद बहुत कुछ नया सीखने को मिला। यदि ब्लैक पाटरी का निर्यात अपने देश से अधिक होगा तो विदेशी मुद्रा तो देश में आएगी ही, कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा।

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