सावधान, कहीं जान की दुश्मन न बन जाए कार

कार कहीं आपके लाडले बच्चे की जान का दुश्मन न बन जाए। इसके लिए सभी को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। आपकी जरा सी असावधानी ¨जदगी भर पछताने का कारण बन सकता है। इस लिए बच्चे को कार में कभी भी अकेला बैठाकर नहीं छोड़ देना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 07:27 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 07:27 PM (IST)
सावधान, कहीं जान की दुश्मन न बन जाए कार
सावधान, कहीं जान की दुश्मन न बन जाए कार

आजमगढ़ : कार कहीं आपके लाडले की जान का दुश्मन न बन जाए। इसके लिए सभी को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। आपकी जरा सी असावधानी ¨जदगी भर पछताने का कारण बन सकती है। केस-एक

शहर कोतवाली क्षेत्र के निसवा इंटर कालेज के पास लगभग एक दशक पूर्व एक व्यक्ति अपनी कार स्कूल के सामने दोपहर के समय खड़ी कर चले गए थे। वह कार का दरवाजा लॉक करना भूल गए। तभी परिवार का एक छह साल का बच्चा खेलते हुए कार के पास आया और कार का दरवाजा खोलकर अंदर चला गया। दरवाजा अंदर से लॉक हो गया। जिससे कार के अंदर बैठे बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई। कुछ देर बाद जब इस घटना की जानकारी लोगों को हुई तो वे सकते में आ गए। केस-दो

कुछ वर्ष पूर्व शहर के मोहल्ला मड़या स्थित टीचर्स कालोनी में भी इसी प्रकार की एक दुखद घटना घटी थी। एक व्यक्ति ने अपने घर के गैराज में कार खड़ी की थी। लोगों की मानें तो वे गैराज में खड़ी कार के अंदर बैठकर एसी चालू कर सिगरेट पी रहे थे। तभी गैस रिसाव के चलते कार में आग लग गई। कार के अंदर बैठे उक्त व्यक्ति की झुलस कर मौत हो गई।

ये दोनों घटनाओं तो महज बानगी भर हैं, इस तरह की कई घटनाएं अक्सर कहीं न कहीं देखने व सुनने को मिल जाती हैं। अक्सर लोग कार व चार पहिया वाहनों का एसी व हीटर चालू कर बच्चों को उसके अंदर अकेला छोड़कर चले जाते हैं। जरा-सी सावधानी व सतर्कता बरतकर इस तरह की होने वाली मौतों व हादसों को रोका जा सकता है। बंद कार बिना वेंटिलेशन के ग्रीनहाउस की तरह होती हैं। तेज धूप में एक घंटे तक बंद कार के अंदर का तापमान बाहर के तापमान की तुलना में 20 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा हो सकता है। सर्दी के मौसम में भी तापमान इतना ही बढ़ता है। बिना वेंटिलेशन की कार में पिछली सीट भी उतनी ही गरम होती है, जितना कि कार का अगला हिस्सा। थोड़ी देर होने पर तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक भी जा सकता है, इसलिए शीशे बंदकर बच्चों को कार में न छोड़ें, अन्यथा दम घुटने से बच्चों की मौत हो सकती है। इसी प्रकार हीटर व एसी चालू कर बच्चों को अकेला कार के अंदर छोड़ देना भी खतरनाक साबित हो सकता है। जैसे ही शरीर का तापमान 40 से 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाता है, हमारा दिमाग, दिल, किडनी व लिवर क्षतिग्रस्त होने लगते हैं और अगर इस स्थिति में पहुंचने के बाद भी फौरन शरीर के ताप को कम करने का उपाय न किया जाए तो व्यक्ति की तुरंत मौत भी हो सकती है या वह कोमा में भी जा सकता है। बच्चों के लिए यह स्थिति ज्यादा खतरनाक होती है। यातायात नियमों के साथ ही वाहन चलाते समय व सड़क पर चलते समय सावधानियां किस तरह बरती जाए इस संबंध में बच्चों के साथ ही अभिभावकों को भी जागरूक किया जाता है। बुधवार को शहर के रैदोपुर स्थित राहुल चिल्ड्रेन स्कूल में बच्चों को यातायात नियमों आदि के बारे में जागरूक किया गया। उन्हें कार के अंदर कभी अकेला न बैठने, अगली सीट पर बैठते समय सावधानी बरतने आदि के बारे में जानकारी दी गई। जागरूकता से ही सड़क हादसे या अन्य प्रकार की अनहोनी को टाला जा सकता है।

-अभिषेक ¨सह, ट्रैफिक पुलिस सब इंस्पेक्टर, आजमगढ़।

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