मेडिकल कॉलेज का अपना होगा ऑक्सीजन प्लांट
-उपलब्धि -उत्तर प्रदेश सरकार ने दो करोड़ का बजट किया मंजूर 98 लाख रुपये जारी -का
-उपलब्धि ::::
-उत्तर प्रदेश सरकार ने दो करोड़ का बजट किया मंजूर, 98 लाख रुपये जारी
-कार्यदायी संस्था को काम पूरा करने को तीन सप्ताह की अवधि
- कोरोना पीड़ितों को मिलेगी राहत, प्राणवायु की चल रही किल्लत राकेश श्रीवास्तव, आजमगढ़ : आक्सीजन की उपलब्धता के मामले में राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं सुपर फैसिलिटी हॉस्पिटल चक्रपानपुर आत्मनिर्भर होगा। सरकार ने दो करोड़ रुपये का बजट मंजूर करते हुए 98 लाख रुपये जारी कर दिया है। कोविड काल की दुश्वारियों के ²ष्टिगत आक्सीजन प्लांट को अस्तित्व में लाने को तीन सप्ताह की अवधि मुकर्रर की गई है। हालांकि, कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को काम पूरा करने के लिए 25 मई तक की मोहलत मांगी है। मेडिकल कालेज में आक्सीजन की जबरदस्त डिमांड होने के कारण के सरकार के निर्णय का जनता को सीधा लाभ मिलेगा।
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800 वर्ग स्क्वायर फीट भूमि पर बनेगा प्लांट
कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड ने 800 वर्ग मीटर भूमि की मांग की है। कंपनी ने 25 मई तक प्लांट में उत्पादन शुरू करने की बात कही है। हालांकि, सरकार ने कोविड काल की मुश्किलें बताते हुए तीन सप्ताह में उत्पादन शुरू करने के निर्देश देने के साथ ही ऑक्सीजन प्लांट निर्माण में अपेक्षित सभी सहयोग करने का भी भरोसा दिया है।
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पूर्वांचल के कई जिलों को मिलेगा लाभ
राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं सुपर फैसिलिटी हॉस्पिटल चक्रपानपुर में ऑक्सीजन प्लांट के अस्तित्व में आने का लाभ पूर्वांचल के कई जिलों को मिलेगा। कोविड काल में ही बलिया, मऊ, गाजीपुर के मरीजों का यहां इलाज किया जा रहा है। यहां कम खर्च में इलाज की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध होने से आजमगढ़-गोरखपुर के बीच के कई जिलों से लोग पहुंचते हैं।
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नौ सौ सिलिडर की रोजाना खपत
कोरोना काल के समय राजकीय मेडिकल कालेज में आक्सीजन की साढ़े आठ से नौ सौ सिलिडर की रोजाना डिमांड है। फिलहाल मऊ जिला और आजमगढ़ की कंपनी रोजाना जरूरतें पूरी कर रही है। कोरोना काल में डिमांड बढ़ने से मुश्किलें भी हो रही हैं। ऐसे में प्लांट अपना हुआ तो राजकीय मेडिकल कॉलेज आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होगा।
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सरकार ने बजट दो करोड़ रुपये का न सिर्फ मंजूर किया है, बल्कि 68 लाख रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी है। हमारी कोशिश है कि तीन सप्ताह में आक्सीजन प्लांट अस्तित्व में आ जाए।
डॉ. आरपी शर्मा, प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज।