सीता-लक्ष्मण संग वन को निकले राम तो रो पड़ी अयोध्या

-श्रीराम-केवट संवाद ने कराया भक्ति का अहसास -सुपर्णखा के कटे नाक-कान तो रोमांचित हुए लोग

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 05:54 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 05:54 PM (IST)
सीता-लक्ष्मण संग वन को निकले राम तो रो पड़ी अयोध्या
सीता-लक्ष्मण संग वन को निकले राम तो रो पड़ी अयोध्या

-श्रीराम-केवट संवाद ने कराया भक्ति का अहसास

-सुपर्णखा के कटे नाक-कान तो रोमांचित हुए लोग

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : श्रीरामलीला समिति पुरानी कोतवाली के मंच पर सोमवार की देर रात तक कलाकारों ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी।

कैकेयी कोप, श्रीराम वनवास, श्रीराम-केवट संवाद के साथ सुपर्णखा के नाक-कान काटने का मंचन किया।

सीता-लक्ष्मण संग श्रीराम जी वन को निकले, तो पूरी अयोध्या रो पड़ी। श्रीराम-केवट संवाद ने भक्ति का अहसास कराया, तो सुपर्णखा के नाक-कान काटने के ²श्य ने रोमांचित किया। जनकपुर में सिया से विवाह के बाद श्रीराम अयोध्या आते हैं। श्रीराम के राजतिलक के लिए राजा दशरथ गुरु वशिष्ठ से सलाह लेते हैं। श्रीराम के राजतिलक की तैयारी शुरू हो जाती है। तभी मंथरा रानी कैकेयी के पास पहुंचती है। मंथरा के बहकावे में आकर कैकेयी राजा दशरथ से श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास और भरत को राजगद्दी का वरदान मांगती है। कैकेयी को राजा दशरथ द्वारा दिए गए वचन को पूरा करने के लिए श्रीराम राम के वन जाने को तैयार देखकर सीता व लक्ष्मण ने भी उनके साथ वन में जाने का आग्रह किया तथा अपने राजसी वस्त्र त्यागकर वनवासियों की पोशाक धारण की। इसके पश्चात श्रीराम वनवास के लिए लक्ष्मण, सीता के साथ मंत्री सुमंत संग अयोध्या से निकलकर वनवास को चल पड़े। यह देखकर अयोध्यावासी रोकते रहे।दूसरी ओर श्रीराम-लक्ष्मण और सीता के वन चले जाने की सूचना पर महाराज दशरथ ने प्राण त्याग दिए। -----------------------

कैकेयी के हठ के आगे हार गए राजा दशरथ

बरहतिर जगदीशपुर की रामलीला में सोमवार को कैकेयी के हठ के आगे हारे राजा दशरथ ने राम को वनवास की मांग स्वीकार कर ली।चारों तरफ एलान हो गया था कि राम का राज्याभिषेक किया जाएगा, लेकिन मंथरा के बहवावे में आकर कैकई ने पहले राजा द्वारा दिए गए दो वरदान की याद दिलाकर उसे देने को विवश कर दिया। पहला वरदान राम को 14 वर्ष का वनवास एवं भरत को अयोध्या की राजगद्दी मांगी। इसकी जानकारी के बाद श्रीराम खुशी मन से वन जाने को तैयार हो गए। राम वनगमन के मंचन ने लोगों को विभोर कर दिया।

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सरायमीर में सीतो को हर ले गया रावण

सरायमीर : श्रीराम लीला सेवा समिति की ओर से आयोजित रामलीला के पांचवें दिन नगर के मुख्य चौक पर मारीच वध व सीता हरण का मंचन किया गया।माता जानकी ने प्रभु श्रीराम से सोने के हिरण की इच्छा रखी। छद्म वेश में छिपे मारीच का वध करने को आगे बढ़े। इसी बीच कपटी रावण ने भिक्षुक का वेश बनाकर पंचवटी में माता जानकी से भिक्षा लेने का स्वांग रचा।लक्ष्मण रेखा को लांघकर मां सीता ने ज्यों ही भिक्षा प्रस्तुत किया कि रावण अपने असली रूप में आकर मां जानकी का हरण लिया।

-------- पुष्पनगर की रामलीला आज से

दीदारगंज के पुष्पनगर गांव की रामलीला का आरंभ बुधवार से शुरू होगा। पहले दिन रामलीला मैदान में मुकुट पूजन एवं नारद मोह का मंचन किया जाएगा। 20 अक्टूबर को मेला एवं 21 को दंगल का आयोजन मेला वाली बाग में होगा। ----------------

राम की निकली बरात, झूमे अयोध्यावासी

मेंहनगर तहसील के गोला बाजार में सीता स्वयंवर एवं राम बरात का मंचन किया गया। शिव धनुष खंडित होकर भूमि पर गिरा, तो श्रीराम के जयकारे नगर गूंज उठा। अयोध्या में खबर पहुंची और वहां बरात की तैयारी शुरू हुई तो अयोध्यावासी झूम उठे।जनकपुर में तोरण द्वार सजाए गए, तो अयोध्या में निमंत्रण दिए गए।

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