मित्तूपुर से उठी एक और अर्थी
-पति के शव पर विलाप कर रही थी रानी बच्चे पूछे पापा को कहां ले जा रहे -बुत बने रहे
-पति के शव पर विलाप कर रही थी रानी, बच्चे पूछे पापा को कहां ले जा रहे
-बुत बने रहे पिता, ग्रामीणों ने नम आंखों से कहा शराब ने उजाड़ दी मांग
जागरण संवाददाता, पवई (आजमगढ़) : जहरीली शराब का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार की सुबह मित्तूपुर से एक और युवा का अर्थी उठी तो ग्रामीण जार-जार रोए। एक दिन पूर्व मंगलवार को इसी गांव के राजेश सोनी की अर्थी उठी थी। उनके स्वजन का बिलखना कम नहीं हुआ कि पप्पू की मौत से सियाराम के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ग्रामीण एक जुबां से मौतों के पीछे जहरीली शराब ही मान रहे हैं, लेकिन गरीबों की सुने कौन?
पीड़ित पिता सियाराम ने बताया कि पप्पू की शराब ने ही जान ले ली। वह ज्यादा नहीं बोल पा रहे थे, लेकिन डबडबाई आंखों के बीच उनके कमजोर पड़ते लफ्ज बहुत कुछ बयां कर रहे थे। बेचारे करते भी क्या, बेटे के सहारे बुजुर्गियत गुजारने की सोची थी, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। परिवार में रोना-बिलखना होने से उनके लिए खुद को संभालना मुश्किल हो रहा था। पप्पू के अंतिम संस्कार की तैयारियों के बीच पत्नी रानी का करुण क्रंदन ग्रामीणों की आंखें नम कर दे रहा था। सात साल के प्रिस, पांच साल के ऋषि भौचक्क होकर सबकुछ देख रहे थे, लेकिन जब अर्थी उठी तो दोनों भागकर घर वालों से पूछे कि पापा को कहां ले जा रहे हैं।बच्चों के सवाल के सामने निरुत्तर लोग उनके माथे पर हाथ फेरते एक ही बात कहे कि बेटा ईश्वर के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं ..।