अल्लाह का बेशकीमती तोहफा रमजान

माहे रमजान की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इक्का दुक्का मस्जिदों को छोड़ अधिकतर में तरावीह का पहला दौर पूरा हो गया है। इस क्रम में गत शनिवार की रात मोहल्ला काजीपुर स्थित मोती मस्जिद में हाफिज साबिर अंसारी ने कुरआन मुकम्मल किया। इस दौरान नमाजियों ने उन्हें मुबारकबाद देते हुए फूल मालाओं से लाद दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 08:39 PM (IST) Updated:Mon, 27 May 2019 06:19 AM (IST)
अल्लाह का बेशकीमती तोहफा रमजान
अल्लाह का बेशकीमती तोहफा रमजान

जासं, भदोही : माहे रमजान अब समाप्ति की ओर बढ़ने लगा है। अधिकतर मस्जिदों में नमाजे तरावीह का पहला दौर पूरा हो गया है। शनिवार की रात मोहल्ला काजीपुर स्थित मोती मस्जिद में हाफिज साबिर अंसारी ने कुरान मुकम्मल कराया। उनका माल्यार्पण कर इस्तकबाल किया गया।

हाफिज ने कहा कि अल्लाह ने माहे रमजान के बहाने अपने बंदों को बेशुमार रहमतों, बरकतों से माला माल करने का मौका दिया है। रोजा रख कर कोई तिलावत कर रहा है तो कोई तरावीह के दौरान घंटों खड़े रह कर इबादत कर रहा है। तरावीह की अहमियत पर कहा कि हाफिज कुरान के पीछे खड़े रहकर अल्लाह का कलाम सुनने वालों पर रहमतों नूर की बारिश होती है। इस माह में जितनी इबादत की जाए कम हैं क्योंकि यह माह मोमिनों के लिए अल्लाह का सबसे बेशकीमती तोहफा है। इस मौके पर हाजी सौदागर अली अंसारी, शाहिद जमाल, मो. राशिद अंसारी, एहतशाम बबलू, शमशेर अंसारी, शमशाद, फरीद अली, अब्बास अली आदि थे।

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