सब कुछ बंद, तब भी जहानांगज में जाम
-मूकदर्शन बने जिम्मेदार तफरी करने वालों को टोके कौन -पुलिस को देख शटर डाउन जाते ह
-मूकदर्शन बने जिम्मेदार, तफरी करने वालों को टोके कौन
-पुलिस को देख शटर डाउन, जाते ही खुल जाती हैं दुकानें जागरण संवाददाता, जहानागंज (आजमगढ़) : कोरोना का चेन तोड़ने के लिए सरकार लगातार बंदी के आदेश को बढ़ाती जा रही है। मकसद कोरोना से सुरक्षा है, लेकिन यहां तो आए दिन सड़क पर जाम लगता है।
बाजार में अधिकतर दुकानें खुली रहती हैं और रोड पर लोग धड़ल्ले से बाजार में घूमते रहते हैं। बुद्धिजीवी वर्ग के लोग लगातार पुलिस से शिकायत करते रहते हैं, लेकिन न जाने क्यों पुलिस इस मामले में कहीं से गंभीर नहीं दिख रही है। कभी-कभार यदि इंस्पेक्टर चक्कर लगाते हैं तो दुकानदार शटर गिरा देते हैं और पुलिस की गाड़ी जाते ही आधा शटर खोलकर ग्राहकों को अंदर कर लेते हैं। एसआइ विजय शंकर सिंह ने एक दिन बाजार में कड़ाई किया और कुछ दुकानों के चालान काटे, लेकिन उसके बाद से पुलिस की सख्ती समाप्त हो गई। बाजार के लोगों का कहना है बंदी का मतलब सभी दुकानें बंद होनी चाहिए। कानून का पालन करने वाले तो दुकान नहीं खोल रहे हैं, लेकिन कुछ दुकानदारों में कोई भय नहीं है। ऐसे में बंद के आदेश का मतलब ही नहीं समझ में आ रहा है। उनके यहां ग्राहकों की अच्छी खासी भीड़ भी हर समय रहती है।इस स्थिति में लोग प्रशासन पर उंगलियां उठा रहे हैं।