देखरेख के अभाव में मर गए एक दर्जन गोवंश

-अतरौलिया - पेड़रा गांव के गोशाला का हाल दुर्गंध से ग्रामीण बेहाल -ग्राम पंचायत सचिव बीमार

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:45 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:45 PM (IST)
देखरेख के अभाव में मर गए एक दर्जन गोवंश
देखरेख के अभाव में मर गए एक दर्जन गोवंश

-अतरौलिया

- पेड़रा गांव के गोशाला का हाल, दुर्गंध से ग्रामीण बेहाल

-ग्राम पंचायत सचिव बीमार और अधिकारी चुनाव कराने में रहे व्यस्त

-थोप रहे एक-दूसरे पर जिम्मेदारी, सरकारी व्यवस्था की खुली पोल

जागरण संवाददाता, अतरौलिया (आजमगढ़): अतरौलिया ब्लॉक के ग्रामसभा पेड़रा स्थित गोशाला में रखे गए गए दर्ज गोवंश मर गए लेकिन जिम्मेदारों को इसकी खबर तक नहीं लगी। कई दिनों से उठ रही दुर्गंध से परेशान ग्रामीणों ने इसकी जानकारी दी जो सभी एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराने लगे। यहां की जिम्मेदारी जिस ग्राम पंचायत सचिव को दी गई थी वह बीमार हो गए और बाकी अधिकारी चुनाव कराने में व्यस्त। किसी को चिता नहीं थी कि पशुओं की देखभाल आखिर कैसे होगी।

गांव वालों ने बताया कि पशुओं को समय से चारा-पानी नहीं मिलता है। बीमार होने पर इलाज की भी कोई व्यवस्था नहीं है। पांच दिनों से पशु मरे पड़े हैं, लेकिन कोई देखने तक नहीं आया। ग्रामीणों का कहना है कि इसी तरह की स्थिति रही तो गांव में महामारी फैल सकती है।

वहीं जिम्मेदार लोग दूसरे के ऊपर अपनी जिम्मेदारी थोपकर खुद को सही साबित करने को लगे हैं। जबसे गोशाला का निर्माण हुआ है तबसे कोई भी सक्षम अधिकारी कर्मचारी देखने नहीं आता।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार ::::::

पशुओं के शवों के निस्तारण की होगी व्यवस्था

-अतरौलिया : खंड विकास अधिकारी विनोद कुमार बिद ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। सचिव की तबीयत ठीक न होने के कारण एक सप्ताह से भर्ती हैं। हम लोग चुनाव में फंसे थे, एडीओ पंचायत को भेजा गया है शवों के निस्तारण के लिए।

वहीं एडीओ पंचायत बाबू राम यादव ने बताया कि पेड़रा के प्रधान बलराम के सहयोग से गड्ढा खोदकर पशुओं के शवों को निस्तारित करा दिया जाएगा। गांव के सचिव संजय को कोरोना होने की जानकारी नहीं हो पाई। चुनाव के कारण नहीं पहुंच पाया : डॉ. भानु प्रताप

अतरौलिया : सेनपुर के पशु चिकित्साधिकारी भानु प्रताप का कहना है कि मैं स्वयं व्यवस्था देखता था, लेकिन इधर चुनाव की वजह से नहीं पहुंच पाया। दवा के आभाव में कोई भी पशु नहीं मर रहा, आदमियों की कमी है तथा गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत है। तेज धूप में खान-पान में दिक्कत होने से पशु मर रहे हैं।

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