35,219 किसानों का डाटा मुख्यालय से किया गया वापस

आजमगढ़ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत विभिन्न विसंगतियां मिलने से कुल 35219 किसान योजना के लाभ से वंचित हो गए हैं। क्योंकि खाता नाम एवं लाभार्थी नाम में अंतर है। इससे योजना की धनराशि किसानों के खाते में नहीं जा पा रही है। वे भी किसान शामिल हैं। जिनके खाते में पहली किस्त गई थी। लेकिन तत्काल बाद वापस ले ली गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 04:08 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 04:08 PM (IST)
35,219 किसानों का डाटा मुख्यालय से किया गया वापस
35,219 किसानों का डाटा मुख्यालय से किया गया वापस

लीड--

--पीएम सम्मान निधि योजना :::

-नाम व खाता नंबर में मिलीं विसंगतियां, कई का रोका भुगतान

-आधार कार्ड व बैंक पासबुक की छाया प्रति चाहिए

-गेम नंबर--

-3,01,016 हेक्टेयर खेती योग्य भूमि।

-5,31,658 सीमांत किसान।

-50,899 लघु सीमांत किसान।

-20,094 अर्ध मध्यम किसान।

-3,772 मध्यम किसान।

-149 वृहद किसान।

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-6,73,638 किसानों का डाटा लाक्ड।

-6,48,578 किसान पात्र मिले।

-25,060 किसान अपात्र मिले।

-5,54,890 किसानों को प्रथम किस्त।

-4,96,228 किसानों को द्वितीय किस्त।

-4,26,987 किसानों को तृतीय किस्त।

-2,12,328 किसानों को चतुर्थ किस्त।

-33808.66000 लाख रुपये अब तक व्यय।

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत विभिन्न विसंगतियां मिलने से कुल 35,219 किसान योजना के लाभ से वंचित हो गए हैं। क्योंकि खाता नाम एवं लाभार्थी नाम में अंतर है। इससे योजना की धनराशि किसानों के खाते में नहीं जा पा रही है। वे भी किसान शामिल हैं। जिनके खाते में पहली किस्त गई थी। लेकिन तत्काल बाद वापस ले ली गई थी।

संयुक्त खाता होने अथवा लाभार्थी किसान का नाम एवं उनके खाते के नाम में विसंगतियां होने के कारण उनका भुगतान रोक दिया गया था। ऐसे किसानों के खाता नंबर एवं नाम संशोधन के लिए डाटा मुख्यालय से वापस प्राप्त हो गया है। इसमें तहसील सदर 5570, बूढ़नपुर 3451, लालगंज 4274 ,मेंहनगर 4601, मार्टीनगंज 4269, निजामाबाद 4142, फूलपुर 3640 डाटा और सगड़ी तहसील में 5272 किसानों का भुगतान रोका गया है। ''किसान अपना आधार कार्ड एवं बैंक पासबुक की स्वप्रमाणित फोटो कापी ब्लाक स्तरीय राजकीय कृषि बीज भंडार पर प्राविधिक सहायक अथवा कृषि विभाग के किसी भी कर्मचारी या फिर जिला स्तर पर उप कृषि निदेशक कार्यालय में उपलब्ध करा दें। जिससे उनका डाटा संशोधन हो सके और सम्मान निधि की धनराशि उनके खाते में प्रेषित किए जाने के लिए उनके खाता को सक्रिय कर दिया जाए।

- डा. आरके मौर्य, उप कृषि निदेशक।

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