कैसे सुचारु हो विद्युत आपूर्ति, सरकारी विभाग ही दबाए बैठे हैं बिल के 25.97 करोड़

जागरण संवाददाता आजमगढ़ आम आदमी पर 10 हजार रुपये बकाया आंख दिखाने एवं कनेक्शन काटने

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 07:44 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 07:44 PM (IST)
कैसे सुचारु हो विद्युत आपूर्ति, सरकारी विभाग ही दबाए बैठे हैं बिल के 25.97 करोड़
कैसे सुचारु हो विद्युत आपूर्ति, सरकारी विभाग ही दबाए बैठे हैं बिल के 25.97 करोड़

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : आम आदमी पर 10 हजार रुपये बकाया आंख दिखाने एवं कनेक्शन काटने का दम भरने वाले इंजीनियर सरकारी महकमों की भारी भरकम बकाए की वसूली में लाचार पड़ जा रहे हैं। विद्युत बिल का 25 करोड़, 97 लाख, 44 हजार रुपये सरकारी विभाग दबाए बैठे हैं। एक-दो नहीं पूरे 25 विभागों के यहां भारी-भरकम धनराशि बकाया होने के बावजूद बिजली का उपभोग कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा कि क्या गरीबों के लिए ही विद्युत विभाग के नियम-कानून बनाए गए हैं।

विभागीय आंकड़ों के अनुसार आबकारी विभाग पर 14. 59 लाख रुपये, कृषि विभाग पर 12.01 लाख रुपये, खेल विभाग पर 3.74 लाख रुपये, राजनीतिक पेंशन नागरिक सुरक्षा होमगार्ड पर 0.09 लाख रुपये, चिकित्सा शिक्षा विभाग पर 68 हजार रुपये, एलोपैथिक चिकित्सा विभाग पर एक करोड़, 77 लाख, 76 हजार रुपये, नगर विकास पर एक करोड़, 06 लाख, 73 हजार रुपये, परिवहन पर 5.75 लाख रुपये, प्राविधिक शिक्षा पर 12.20 लाख रुपये, राजस्व पर 0.45 लाख रुपये, लोक निर्माण विभाग पर 42.43 लाख रुपये, वन विभाग पर 26.16 लाख रुपये, वित्त विभाग 4.63 लाख रुपये, प्राथमिक शिक्षा पर 11 करोड़, 92 लाख, 67 हजार रुपये, माध्यमिक शिक्षा पर एक करोड़, 36 लाख, 20 हजार रुपये, जिला समाज कल्याण विभाग पर 52.21 लाख रुपये, सूचना विभाग पर 00.03 लाख रुपये, सिचाई विभाग पर 91.34 लाख रुपये, अन्य विभाग व डाक विभाग पर 3.13 लाख रुपये, पशु चिकित्सालय 6.73 लाख रुपये, बीडीओ (विकास खंड) पर 82.78 लाख रुपये, नागरिक उड्डयन(मंदुरी एयरपोर्ट) पर 59.02 लाख रुपये और ग्राम्य पेयजल योजना पर तीन करोड़, 72 लाख, 66 हजार रुपये बिजली बिल का बकाया है।

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टॉप फाइव बकाएदार विभाग(रुपये लाख में)

1-प्राथमिक शिक्षा-1192.67

2-एलोपैथिक चिकित्सा-177.76

3-नगर विकास-106.73

4-माध्यमिक शिक्षा-136.20

5-ग्राम्य पेयजल योजना-372.66

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वर्जन-एसडीओ

“विभागों के बकाया संबंधी बिल प्रत्येक माह भेजी जाती है। मौखिक और टेलीफोन पर भी जमा करने के लिए कहा जाता है। कुछ विभागों ने जमा किए लेकिन अभी काफी राजस्व बकाया है।

--बीरेंद्र कुमार सिंह, एसडीओ टाउन, प्रथम।

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