दिन-रात मेहनत कर 17 कर्मचारी दे रहे 2500 कोरोना जांच रिपोर्ट

कोरोना की बढ़ती दुश्वारियों के बीच राजकीय मेडिक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 04:54 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 04:54 PM (IST)
दिन-रात मेहनत कर 17 कर्मचारी दे रहे 2500 कोरोना जांच रिपोर्ट
दिन-रात मेहनत कर 17 कर्मचारी दे रहे 2500 कोरोना जांच रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, चक्रपानपुर (आजमगढ़) : कोरोना की बढ़ती दुश्वारियों के बीच राजकीय मेडिकल कॉलेज व सुपर फैसिलिटी अस्पताल अंतर्गत कोविड-19 जांच लैब में ड्यूटीरत कर्मियों की भी मुश्किलें बढ़ी हैं। 17 कर्मचारी दिन-रात मेहनत कर ढाई हजार रिपोर्ट रोजाना जारी कर रहे हैं। कोविड जांच लैब की कुल इतनी ही क्षमता है, जिसे शत-प्रतिशत पूरा करने को कर्मचारी 18 घंटे काम कर रहे हैं। इसके बावजूद संक्रमण के चरम पर जा पहुंचने के कारण जांच रिपोर्ट पेंडिग होने से मरीजों को परेशानी हो रही है।

माइक्रोबायोलॉजी विभाग में स्थापित बीएसएल-2 (आरटीपीसीआर) लैब में 2500 नमूनों के कोविड-19 जांच की क्षमता है। यहां रोजाना आजमगढ़ से अलग-अलग करीब एक से डेढ़ हजार के बीच सैंपल भेजे जाते हैं। माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉक्टर प्रतीक्षा श्रीवास्तव, लैब इंचार्ज डॉक्टर आतोष त्रिपाठी, दो माइक्रोबायोलॉजिस्ट तथा दो ट्यूटर (जांच सहायक) के साथ जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा चयनित 11 टेक्नीशियन हैं। लैब इंचार्ज डॉक्टर आतोष त्रिपाठी ने बताया कि सुबह नौ बजे शाम पांच बजे तक तथा शाम चार बजे से लेकर रात 12 बजे तक दो शिफ्त में कर्मचारी करते हैं। मंडलीय चिकित्सालय से यहां सैंपल लाए जाते हैं, जिसके लिए उसकी रिसीविग दी जाती है। जांच को फिजिकली के साथ पोर्टल पर भी सैंपल होना आवश्यक है। पोर्टल पर अपलोड न होने वाले नमूने को रिजेक्ट कर दिया जाता है। जांच की रिपोर्ट शासन द्वारा मानीटर किए जाने वाले कोविड-19 पोर्टल पर उपलब्ध करा दी जाती है। रिपोर्ट आने में 8 से 12 घंटे का समय लगता है। लेकिन यदि रिपोर्ट पॉजिटिव हुई तो उसमें दो घंटे का अतिरिक्त समय लग जाते हैं।

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