मंडल के 15 लाख विद्युत उपभोक्ताओं पर 2200 करोड़ बकाया
--निर्बाध आपूर्ति में बाधा -तीनों जिलों में प्रति माह 220 करोड़ की 425 मिलियन यूनिट बिजली
--निर्बाध आपूर्ति में बाधा ::::
-तीनों जिलों में प्रति माह 220 करोड़ की 425 मिलियन यूनिट बिजली की खपत
-42.50 करोड़ यूनिट बिजली के सापेक्ष 209 करोड़ जमा हुआ
-जून में बढ़ जाती है खपत पर जमा होता है मात्र 80 करोड़ रुपये
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति में बकाया बिल की बाधा कम नहीं है। मंडल के तीनों जिले आजमगढ़, मऊ व बलिया के सभी श्रेणी के 15 लाख उपभोक्ताओं पर 2200 करोड़ रुपये बिल का बकाया है। हालांकि उसके सापेक्ष सघन चेकिग अभियान और एकमुश्त समाधान योजना के बाद 209 करोड़ रुपये लक्ष्य के सापेक्ष 100 फीसद से अधिक 212 करोड़ रुपये बकाया बिल जमा हुआ है।
मंडल के जिलों में आपूर्ति के लिए प्रति माह 425 मिलियन यूनिट यानी 42 करोड़, 50 लाख यूनिट बिजली की खरीद की जाती है। जिसकी प्रतिमाह कीमत लगभग 220 करोड़ रुपये होती है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार आजमगढ़ में 210 मिलियन यूनिट, मऊ में 110 और बलिया में 105 मिलियन यूनिट बिजली खर्च होती है। जबकि जून माह में बिजली की खपत अधिक हो जाती है, लेकिन जमा लगभग 80 करोड़ रुपये ही जमा होता है।
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मंडल के जिलों में जितनी बिजली की आपूर्ति की जाती है, उसके सापेक्ष बिल जमा नहीं होती है। गर्मी में लोड बढ़ जाता है। हालांकि अभी कोरोना के कारण बहुत कम ही लोग एसी चला रहे हैं। जिन लोगों ने एकमुश्त समाधान योजना में पंजीकरण नहीं कराया या पंजीकरण के बाद भी बिल नहीं जमा किए और अन्य बकाएदारों का कनेक्शन विच्छेदित किया जाएगा। विच्छेदन के बाद भी चोरी से उपभोग कर रहे हैं तो एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।
-राजेश रंजन सिंह, मुख्य अभियंता, विद्युत वितरण मंडल।