2.48 करोड़ से आत्मनिर्भर होंगे जनपद के 1657 स्वयं सहायता समूह
जागरण संवाददाता आजमगढ़ स्वयं सहायता समूहों का दायरा बढ़ता जा रहा है। इसके जरिए महिलाएं आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ परिवार को संभालने में भी आगे बढ़ रहीं हैं। रिवाल्विग फंड उनके इस प्रयास को और गति देगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले के 1657 स्वयं सहायता समूहों को दो करोड़ 48 लाख 55 हजार रुपये आनलाइन भेजा है। प्रत्येक समूह से 10 से 12 महिलाएं जुड़ीं हैं।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: स्वयं सहायता समूहों का दायरा बढ़ता जा रहा है। इसके जरिए महिलाएं आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ परिवार को संभालने में भी आगे बढ़ रहीं हैं। रिवाल्विग फंड उनके इस प्रयास को और गति देगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले के 1657 स्वयं सहायता समूहों को दो करोड़, 48 लाख, 55 हजार रुपये आनलाइन भेजा है। प्रत्येक समूह से 10 से 12 महिलाएं जुड़ीं हैं।
कोरोना काल में स्वयं सहायता समूहों का काफी विस्तार हुआ। इसी अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ महीनों में ही लगभग दो हजार नए समूह गठित हुए हैं। दरअसल, लाकडाउन में तमाम लोगों का रोजगार चला गया। पति के रोजगार जाने के बाद तमाम घरों में आर्थिक संकट खड़ा हो गया। घर में खाने तक के लाले पड़ गए। ऐसे में जिले की बहुत सी महिलाओं ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर परिवार के भरण-पोषण की कमान संभाली। किसी ने समूह से जुड़कर मास्क आदि का काम शुरू किया तो किसी ने मिशन के सहयोग से सौंदर्य प्रसाधन की दुकान खोली, किसी ने सामुदायिक सूचना पट्टिका बनाने का काम शुरू किया तो किसी ने लेयर खेती की ओर अपने हाथ आगे बढ़ाए। बहुत सी महिलाओं ने सरकारी स्कूल ड्रेस तैयार किया। इनके अलावा भी अलग कार्य किए। रिवाल्विग फंड मिलने के बाद समूह की महिलाएं आपस में लेन-देन करके छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करेंगी। उसके बाद जब विस्तार होगा तो प्रति समूह 1.10 लाख रुपये सीआइएफ(कम्युनिटी इन्वेस्ट मैनेजमेंट फंड) दिया जाएगा।
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क्या है रिवाल्विग फंड
इसका अर्थ है पारिश्रमिक निधि। जब समूह पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाता है तो राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत प्रत्येक समूह को इस फंड के तहत 15 हजार के हिसाब से खाते में भेजा जाता है। इसके बाद समूह की महिलाएं खाते से पैसा निकालकर उद्योग लगा सकेंगी। इसमें उनको केवल किश्त के रूप से सारा पैसा वापस करना पड़ेगा।
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वर्जन-डीसी एनआरएलएम
''रिवाल्विग फंड से समूह की महिलाएं छोटे-मोटे काम कर आर्थिक आय बढ़ा सकती हैं। जिससे समान किश्तों में वापस करना पड़ता है। जो समूह तीन माह का समय पूरा कर लेता है, उसे आरएफ दे सकते हैं।
--मिथिलेश कुमार तिवारी, डीसी, एनआरएलएम।