उत्तरकाशी हादसा: कुछ की आंखें थीं नम तो कई बंधा रहे थे ढांढस
जागरण संवाददाता औरैया जिसे देखो वही गमगीन नजर आया। घर का चिराग ही अगर बुझ जाए तो स्वजन
जागरण संवाददाता, औरैया: जिसे देखो वही गमगीन नजर आया। घर का चिराग ही अगर बुझ जाए तो स्वजन की जिंदगी में अंधेरा तो छा ही जाएगा। अंधेरा तो उनको भी दिखने लगता है जिनके घर के लोग जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हों। मामला उत्तरकाशी में गंगोत्री राजमार्ग पर हुए हादसे की है। गुरूवार देर रात कार खाई में गिर गई थी। इस हादसे में ब्रह्मनगर मोहल्ला निवासी 32 वर्षीय हर्ष मिश्रा पुत्र उमाशंकर मिश्रा की मौत हो गई। वे सदर तहसील में संविदा पर कंप्यूटर आपरेटर पद पर कार्यरत थे। जबकि उनके साथी लेखपाल विशाल कुशवाह पुत्र जगन्नाथ सिंह निवासी सत्तेश्वर, रिशेष उर्फ अंशुल पुत्र राजेश कुमार व रमेश सिंह पुत्र सुखदेव सिंह निवासी बनारसीदास गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मंगलवार को वे अपने तीन साथियों के साथ निजी कार से दिल्ली गए थे। वहीं से इन लोगों की योजना चार धाम यात्रा जाने की बन गई। घर में जानकारी देने के बाद वह लोग निकल गए। गुरुवार को उत्तरकाशी में गंगोत्री राजमार्ग पर खाई में कार गिर जाने से हर्ष मिश्रा की मौत हो गई। जबकि विशाल, रिशेष उर्फ अंशुल व रमेश सिंह घायल हो गए। हर्ष की मौत की सूचना जैसे ही स्वजन को हुई तो उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। हर्ष के घर जुटे लोगों की आंखें नम थी। जबकि कई लोग उनके स्वजन को ढांढस बंधा रहे थे।
स्वजन आनन-फानन उत्तरकाशी के लिए रवाना हो गए। हर्ष की शादी करीब पांच वर्ष पहले भडारीपुर निवासी कमलाकांत त्रिपाठी की पुत्री प्रियंका के साथ हुई थी। उसकी दो वर्ष की एक बच्ची है। हर्ष तीन भाइयों में मझला था। उसके बड़े भाई राघवेंद्र मिश्रा हरदोई में शिक्षक हैं।