बारिश आई खुल गई पोल, वादों का 'सिस्टम' अनमोल
जागरण संवाददाता औरैया जिले के अधिकारियों व कर्मचारियों की चाक चौबंद व्यवस्थाओं के दावा क
जागरण संवाददाता, औरैया: जिले के अधिकारियों व कर्मचारियों की चाक चौबंद व्यवस्थाओं के दावा की पोल उस समय हर आम व खास की नजर में तब आती है। जब थोड़ी सी बारिश का पानी गलियों व खाली पड़ी ऐसी जगह पर ठहरता दिखता है। जिसका अंदाजा अधिकारियों को पूरे वर्ष नहीं रहता है। पानी हमेशा वहीं पर ठहरता है। जहां पर उसे खाली स्थान मिलता है। तालाबों की साफ सफाई व खोदाई समय से करवा ली जाए, तो प्रति वर्ष शायद बारिश के मौसम में जलभराव की स्थिति से शहर व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सामना न करना पड़े। समय रहते यदि कसरत की जाती तो शायद, शहर व गांव बारिश में टापू नहीं बनते।
पांच दिन से डेढ़ से दो घंटे हो रही बारिश ने प्रशासन की ओर से की जाने वाली तैयारियों की हकीकत बयां कर दी है। नगर पालिका परिषद, पंचायतें बारिश में जलमग्न हो रही गलियों और गांवों में पानी निकासी के रास्ते तलाश रही हैं। इस कवायद से परेशानी दूर होती नहीं दिख रही, क्योंकि जल निकासी के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वहां कोरम पूरा किया जा रहा है। जैसे कि नाली से सिल्ट निकालने के बाद उसे वहीं छोड़ दिया जा रहा है। जो बारिश के पानी से बहते हुए फिर से नालियों में पहुंच रहा। ऐसे में लोगों की दुश्वारियां और बढ़ाने का कार्य सरकारी मशीनरी कर रही हैं।
--------------- केस-1
शहर के वार्ड नंबर 16 भीखमपुर पूर्वी में जल निकासी का कोई साधन नहीं है। बारिश में पानी गलियों व खाली प्लाटों में भरा रहता है। जिसकी वजह यह है कि यहां पर तीन तालाब हैं जो जमीन के लेबल तक कूड़ा व कचरा से पटे हुए हैं। यदि इन तालाबों की खोदाई व साफ सफाई समय से करा ली जाए तो शायद काफी कुछ जलभराव की समस्या कम हो जाए। सभासद भारत सिंह का कहना है कि पूरी साल तो परेशान होना पड़ता ही है, बारिश के मौसम में समस्या और भी गंभीर हो जाती है। इसके लिए बोर्ड मीटिग में भी कई बार प्रस्ताव रखे गए। केस-2 नरायनपुर व गोविद नगर की नई बस्ती में बारिश के मौसम में कच्ची सड़कें भी डूबी रहती हैं। घरों तक आना जाना मुश्किल भरा होता है। सभासद ममता का कहना है कि कई सड़कों पर तो पूरे वर्ष पानी भरा रहता है। बारिश के मौसम में तो स्थिति पूरे वार्ड में बदतर हो जाती है। तालाब कूड़ा कचरा से भरा पड़ा है। सड़कें व नालियां टूटी पड़ी हैं। करीब 10 सालों से इनकी मरम्मत नहीं हुई। यहां पर रहने वाले करीब आठ हजार लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ----------- बोले जिम्मेदार..
बड़े नालों की सफाई अभियान जारी है। निकली जाने वाली सिल्ट का त्वरित निस्तारण किए जाने का निर्देश सफाई नायकों को दिया गया है। बावजूद इसके लापरवाह रवैया अपनाया जा रहा है तो
सख्त कार्रवाई की जाएगी। बलवीर सिंह, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद