बुलंद हौसले से 'आंधी' में भी जलाए रखा चिराग
जागरण संवाददाता औरैया बढ़े हिम्मत से अभिशाप को वरदान बनाया जा सकता है। अंधकारमय जीवन
जागरण संवाददाता, औरैया: बढ़े हिम्मत से अभिशाप को वरदान बनाया जा सकता है। अंधकारमय जीवन में भी उम्मीदों का दीया जलाए रखा जा सकता है। क्योंकि जिदगी की गाड़ी सरपट दौड़ाने के लिए बढ़े हौसले की जरूरत होती है। सकारात्मक सोच व कड़ी मेहनत से अपनी मंजिल पाई जा सकती है। बढ़े जज्बे व गंभीर प्रयास कर दिव्यांग शिक्षक आमिर ने उक्त वाक्यों को चरितार्थ भी कर दिया है। शुक्रवार को 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर एनआइसी में आयोजित हुए नियुक्ति प्रमाण पत्र समारोह के दौरान जब आमिर को शिक्षक बनने का प्रमाणपत्र दिया गया तो वह दृश्य देखने लायक था। बिजली हादसे में अपने दोनों हाथ गंवाने वाले आमिर ने संघर्ष को साथी बनाकर यह मंजिल पाई है। आमिर को शिक्षक नियुक्ति प्रमाण पत्र देते समय कृषि राज्य मंत्री दिबियापुर विधायक लाखन सिंह राजपूत ने उनकी सराहना की,पीठ भी थपथपाई।
सदर विकासखंड के गांव निगड़ा निवासी आमिर पुत्र स्वयं शहनवाज खान शिक्षक के साथ एक किसान भी हैं। वर्ष 2007 में खेत में काम करते समय टूटी एचटी लाइन की चपेट में आने से दोनों हाथ गंवा दिए थे। करीब दो साल तक उनका उपचार चला। दुर्घटना के समय उनकी इंटरमीडिएट तक शिक्षा पूर्ण हुई थी। उसके बाद उन्होंने मुंह से लिखने का अभ्यास शुरू किया। लेकिन, पर्याप्त गति हासिल नहीं हो सकी। उसके बाद पैर से कलम को बांधकर लिखने का प्रयास किया। इसमें भी असफल होने पर उन्होंने पेन को बालों में लगाने वाली रबर से बांधकर दाहिने हाथ से लिखना शुरू किया। इस अभ्यास में उन्हें पर्याप्त गति प्राप्त हो गई। वर्ष 2009-11 तक बीएससी की शिक्षा ग्रहण की। वर्ष 2016 में बीएड करने के बाद वर्ष 2019 में दो बार यूपी-टीइटी व दो बार सी-टीइटी की परीक्षा पास की। वर्ष 2020 में शिक्षक भर्ती की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद शिक्षक बनने का गौरव हासिल किया।
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मां से मिला यहां तक पहुंचने का हौसला
शिक्षक आमिर का कहना है कि दिव्यांग होने के बाद उनकी मां रुखसाना ने उन्हें कमजोर नहीं होने दिया। हमेशा धैर्य व साहस का पाठ पढ़ाती रहीं। बड़ी बहन अंजुम खान का भी भरपूर सहयोग मिलता रहा। वह सारा कार्य स्वयं कर लेते हैं। कार भी स्वयं ही ड्राइव करते हैं। वर्ष 2016 से 2020 तक उन्होंने जिला पंचायत इंटर कालेज मुरादगंज में बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा प्रदान की। कक्षा नौ से लेकर 12 तक के छात्र-छात्राओं को गणित विषय की तैयारी कराते हैं। इसके अलावा पुलिस सेवा के कंप्टीशन की तैयारी करने वाले युवाओं को गणित, हिदी व रीजनिग विषयों की शिक्षा देते हैं।