जिन हाथों से राखी बांधी उन्हीं से भाई को मुखाग्नि
फोटो-15 - भाई का अंतिम संस्कार करते समय सुरभि की आंखों से बहे अश्रुधार - कोविड पॉि
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- भाई का अंतिम संस्कार करते समय सुरभि की आंखों से बहे अश्रुधार
- कोविड पॉजिटिव होने पर पिता नहीं पहुंच पाए घाट
अरविद पांडेय, दिबियापुर: सबसे बड़ा बेवफा तो समय ही होता है। किसके साथ कौन सी घटना घट जाए वह कोई भी नहीं जानता। क्रूर समय के छल को जानती तो गमगीन बहन भी नहीं थी। जिन हाथों से उसने अपने भाई की कलाई में राखी बांध रक्षा का बचन ली थी, उन्हीं हाथों से उसने भाई को मुखाग्नि दी। यह दृश्य देखकर घाट पर मौजूद लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे। वहां मौजूद लोग भी इस ²श्य को देख फफक कर रो पड़े। कुल मिलाकर यह घटना झकझोर देने वाली रही। भाई और बहन बंगलूरु में साथ रहते थे और वहां एक कंपनी में सेवा देते थे।
कस्बा के राणानगर निवासी 35 वर्षीय रामेंद्र पुत्र हीरालाल दुबे की मौत शनिवार की रात हो गई थी। वह बुखार से पीड़ित थे। रामेंद्र के पिता कोविड पॉजिटिव हैं चिचौली स्थित कोविड एल-2 अस्पताल में भर्ती है। उनकी हालत बेटे की मौत पर और न बिगड़ जाए। इसलिए दर्द को सीने में दबाए दुखी स्वजन ने घर की लाडली सुरभि का हौसला बढ़ाया। जान से प्यारे भाई रामेंद्र को मुखाग्नि देने के लिए तैयार किया।
सुरभि ने बताया कि उसके भाई की तबीयत शनिवार देर शाम ज्यादा खराब हो गई थी। उसने पुलिस को सूचना दी और एंबुलेंस की मांग की। लेकिन, जब एंबुलेंस पहुंची तो भाई की मौत हो चुकी थी। स्वजन के अनुसार रामेंद्र व सुरभि दोनों बेंगलुरू में एक कंपनी में सिविल इंजीनियर पद पर कार्य करते थे। कोरोना की वजह से दोनों बेंगलुरू से पिछले साल घर आ गए थे। घर पर ही रहकर वह कंपनी का कार्य कर रहे थे।