भ्रष्टाचार के जाल में फंस तड़प रहे ताल
संवाद सहयोगी बिधूना अतिक्रमण के जाल से तालाब बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इन्हें सहेजने क
संवाद सहयोगी, बिधूना: अतिक्रमण के जाल से तालाब बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इन्हें सहेजने का कार्य कागजों में किया जा रहा है। यही वजह है कि एक के बाद एक तालाबों पर कब्जे हो गए और कुछ नहीं किया गया। इसकी एक बानगी है ग्राम पंचायत सबहद, पुर्वा दला खरगपुर का तालाब। जो कब्जे की वजह से सिकुड़ गए हैं। जबकि पूर्व में एंटी भू-माफिया टीम ने इन कब्जों को हटवाया था।
सरकारी तालाबों से अतिक्रमण न हटाए जाने की वजह से धीरे-धीरे तालाब खत्म हो रहे। इन्हें संरक्षित न करते हुए प्रशासन नए तालाबों के लिए चिह्नित भूमि पर खोदाई का कार्य करा रहा है। प्रशासन का यह रवैया किसी के गले नहीं उतर रहा। बिधूना तहसील क्षेत्र में सरकारी अभिलेखों में लगभग 1800 तालाब अंकित हैं। जबकि ग्राम पंचायतों द्वारा भी कई नए तालाबों का निर्माण कराया गया है। ग्राम पंचायतों में लगभग दो दर्जन से अधिक (27) नए तालाब चिह्नित किए गए हैं। इनमें मनरेगा योजना से दो तालाबों पर खोदाई का कार्य चल रहा है। बीते वर्ष ग्रामीणों की शिकायत पर एंटी-भू माफिया टीम ने ग्राम पंचायत सबहद , पुर्वा दला खरगपुर आदि कई तालाबों से अतिक्रमण हटाया था लेकिन तालाबों पर दोबारा अतिक्रमण शुरू कर दिया गया है। ग्राम पंचायत सराय प्रथम के ग्राम लुधपुरा में बने सरकारी तालाब का रकवा लगभग आठ बीघा हैं। जबकि ग्रामीणों द्वारा कूड़ा व मिट्टी भराई कर इसे पाट दिया गया। ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान राम जानकी वर्मा ,जवाहर लाल गुप्ता द्वारा तालाब के सुंदरीकरण की बात तो की गई लेकिन अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। ज्यादातर ग्रामीण अभी भी यही चाहते हैं कि तालाब से अतिक्रमण हटा कर तालाब का सुंदरीकरण कराया जाए।
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बोले जिम्मेदार..
नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान पिकी देवी पत्नी राजेन्द्र पाल ने कहा के अतिशीघ्र कार्य योजना में शामिल कर तालाब को अतिक्रमण से मुक्त कराने का प्रयास किया जाएगा। खंड विकास अधिकारी सौरभ श्रीवास्तव ने कहा अतिक्रमण की चपेट में आए सभी सरकारी तालाबों की पैमाइश कराई जाएगी।