जिले में कहीं बूंदाबांदी तो कहीं झमाझम बरसे बदरा
जागरण संवाददाता औरैया हवा के करवट लेने से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। शुक्रव
जागरण संवाददाता, औरैया: हवा के करवट लेने से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। शुक्रवार को दोपहर बाद आसमान में छाए बादल बरसे। हालांकि, कुछ जगहों पर बूंदाबांदी हुई। इसके अलावा तेज बारिश से अछल्दा, कंचौसी ब्लाक व रेलवे स्टेशन के आसपास के कच्चे मार्गों पर जलभराव की समस्या लोगों के लिए परेशानी का कारण बनीं। अनुमान लगाया जा रहा कि शनिवार शाम को झमाझम बारिश हो सकती है।
दोपहर दो बजे के बाद आसमान में छाए बदल गरज के साथ बरसने से मौसम खुशनुमा हो गया। अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विज्ञानी डा. अनंत कुमार का कहना है कि अब तक 2.3 एमएम से ज्यादा बारिश जिले में हो चुकी है। हर दिन मौसम का मिजाज बदल रहा है। किसानों के चेहरे पर मुस्कान है। कारण, जुलाई के पहले और दूसरे सप्ताह में मानसून के आसार थे लेकिन बारिश नहीं हुई। जिस कारण धान की फसलों को लेकर किसान चितित थे। 15 जुलाई के बाद से मौसम में एकदम से बदलाव देखने को मिला है। शुक्रवार को भी जिले में कई जगहों पर बारिश हुई। न्यूनतम तापमान गिरने से रात में होने वाली गर्मी का असर भी कम हुआ है।
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यमुना के बढ़ते जलस्तर से अलर्ट मोड पर प्रशासन
जागरण संवाददाता, औरैया: यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने की सुगबुगाहट पर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। यद्यपि प्रशासन का कहना है कि किसी भी चुनौती के लिए वह तैयार है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि जिले के साथ आसपास के जिलों में हो रही बारिश से अक्सर यमुना नदी का जल स्तर बढ़ता है। इसे देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है।
कोटा बैराज राजस्थान से चंबल में व दिल्ली के हथिनी कुंड से यमुना में पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में बाढ़ आना शुरू हो जाती है। बीते वर्षों में यमुना में आई बाढ़ से प्रभावित कई गांव में तबाही मचा रखी थी। क्षेत्र के ग्राम बड़ेरा में एक किशोर की यमुना में डूबकर मौत हो गई थी। कई घर बाढ़ की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए थे। तहसील प्रशासन ने इस बार बाढ़ को देखते हुए नाविकों, गोताखोरों सहित बाढ़ चौकियों को चुस्त-दुरुस्त कर रखा है। स्वास्थ्य, पशु चिकित्सा, राजस्व, पुलिस विभाग भी पूरी तरह से हर आपात स्थित से निपटने के लिए व्यवस्थित है। सूत्रों का कहना है कि यमुना नदी में करीब डेढ़ फिट जलस्तर बढ़ा है। यह जलस्तर बीते दिनों हुई बारिश की वजह से बढ़ा है। अभी तक राजस्थान के कोटा बैराज से न तो चंबल में ही पानी छोड़ा गया है और न ही दिल्ली के हथिनी कुंड से यमुना में ही पानी छोड़ा गया है। यमुना में चेतावनी स्तर 112 मीटर तथा खतरे के स्तर का निशान 113 मीटर पर है। प्रशासन की ओर से नदी किनारे के क्षेत्रों में रह रहे लोगों को जागरूक किया जाएगा।