शुरू कराया गया मरम्मत कार्य, नहीं मिला किसानों को मुआवजा
- अधिग्रहीत भूमि पर फसल उगा रहे पीड़ित भूस्वामी - 19 उद्यमियों को दी गई कब्जा देने की मंजूर
- अधिग्रहीत भूमि पर फसल उगा रहे पीड़ित भूस्वामी
- 19 उद्यमियों को दी गई कब्जा देने की मंजूरी
संवाद सूत्र,कंचौसी : करोड़ों की लागत से तैयार होने वाली प्लास्टिक सिटी परियोजना अधर में लटकी हुई है। अधिग्रहीत की गई सात गांवों की 314 एकड़ भूमि का मुआवजा किसानों को नहीं मिला है। हालांकि परियोजना स्थल पर मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया गया है।
सपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्लास्टिक सिटी बनाने की घोषणा की थी। यूपीएसआईडीसी ने सात गांवो की 314 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। इसके उपरांत किसानों के मुआवजे का विवाद की वजह से उद्योग नहीं लग सका। किसानों का भूमि विवाद बढ़ता चला गया और न्यायालय में पहुंच गया। एक बार फिर 19 उद्यमियों को कब्जा देने की मंजूरी दी गई। इधर परियोजना स्थल पर मरम्मत कार्य फिर से शुरू हो गया है। 250 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली परियोजना किसानों के मुआवजा न मिलने के कारण अधर में लटकी है। इस परियोजना से आस लगाए कई गांवों के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। मुआवजा न मिलने पर किसानों के विरोध के चलते चौकी जर्जर हालत में जा पहुंची है। खस्ताहाल सड़क से चार व दुपहिया वाहनों का निकलना मुश्किल है। प्लास्टिक सिटी के अंदर गिट्टी का मिक्सर प्लांट चल रहा है। मुआवजा न मिलने पर किसान फसल उगा रहे हैं। 133 केवीए उपकेंद्र से आसपास गांवो को बिजली आपूर्ति हो रही है। परियोजना का कार्य अधर में लटका हुआ है। गलत तरीके से भवन ढहाए जाने का आरोप
संवाद सहयोगी, बिधूना : कस्बा निवासी एक व्यक्ति ने नगर पंचायत प्रशासन पर उनकी ओर से कराए जा रहे निर्माणाधीन भवन को गिराए जाने का आरोप लगाया है। साथ ही स्वजन से अभद्रता किए जाने की बात कही है। पीड़ित ने डीएम को शिकायती पत्र दिया है।
कस्बा के भर्थना रोड निवासी सैनिक यतेंद्र सिंह पुत्र सूरज सिंह यादव ने डीएम को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उसने भूमि संख्या 202 में एक प्लाट क्रय किया था।जिस पर उसके द्वारा भवन का निर्माण कराया जा रहा था। पीड़ित ने बताया कि 27 अक्टूबर को नगर पंचायत प्रशासन द्वारा उसके प्लाट पर निर्माणाधीन भवन को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर निर्माण कार्य के लिए पड़ी लगभग 40 हजार रूपये की निर्माण सामग्री जब्त कर ली गई। पीड़ित ने कहा कि इस दौरान उसके पिता अन्य स्वजन के साथ प्रशासन ने अभद्रता भी की। नगर पंचायत अधिशाषी अधिकारी निषाद मधुरमय ने कहा कि पैमाइश के बाद ही अवैध कब्जे हटवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। डीएम ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है।