डीएफसी लाइन में तकनीकी दिक्कत से रेल फाटक बंद

संवादसूत्र कंचौसी डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर(डीएफसी)लाइन पर तकनीकी दिक्कत के कारण रेलवे फा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 11:25 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 11:25 PM (IST)
डीएफसी लाइन में तकनीकी दिक्कत से रेल फाटक बंद
डीएफसी लाइन में तकनीकी दिक्कत से रेल फाटक बंद

संवादसूत्र, कंचौसी : डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर(डीएफसी)लाइन पर तकनीकी दिक्कत के कारण रेलवे फाटक करीब 40 मिनट तक नहीं खुल सका। जिसके कारण करीब चार किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जाम लगने से राहगीरों को काफी परेशानी हुई। रेलवे कर्मचारियों ने मशक्कत के बाद रेलवे फाटक को किसी तरह खोला। तब जाकर यातायात सुचारू रूप से शुरू हो पाया। रेलवे फाटक पर जाम लगने की वजह से कई एक्सप्रेस ट्रेनें आउटर पर खड़ी रहीं। 20 मिनट तक एक एंबुलेंस भी फंसी रही।

कंचौसी रेलवे स्टेशन से गुजरी डीएफसी लाइन पर सोमवार को करीब एक बजे मालगाड़ी गुजरी। इसके गुजरने के बाद भी रेल फाटक नहीं खुल सका। इसे खोलने के लिए काफी प्रयास भी किए गए। लेकिन, डीएफसी लाइन में तकनीकी दिक्कत के कारण रेल फाटक नहीं खुल सका। इसी दौरान रेल फाटक के दोनों ओर जाम लगने लगा। कुछ ही देर में वाहनों की लंबी कतारें लग गई। रेल कर्मचारियों के मशक्कत के बाद करीब 40 मिनट बाद फाटक खुल पाया। जिससे आवागमन सामान्य हुआ। स्टेशन अधीक्षक विशंभर दयाल पांडेय ने बताया की नए डीएफसी लाइन में टेक्निकल खामी के कारण रेल फाटक करीब 40 मिनट तक नहीं खुल पाया। काफी प्रयास के बाद उसे खोला गया।

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सीआइएसएफ जवानों ने निकाली साइकिल रैली

संवादसूत्र, दिबियापुर : राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के तहत औरैया रोड स्थित गेल बिहार में सीआइएसएफ के अधिकारियों व कर्मचारियों ने साइकिल रैली निकाली। उन्होंने सभी को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित किया।

सोमवार को गेल बिहार परिसर में सीआइएसएफ की यूनिट ने साइकिल रैली निकालकर संदेश दिया कि साइकिल चलाने से सेहत अच्छी रहती है। सड़क दुर्घटना होने की संभावना भी कम हो जाती है। वातावरण में प्रदूषण भी नहीं फैलता है। रोजमर्रा के कामों व छोटी दूरी तय करने के लिए लोगों को साइकिल का उपयोग ही करना चाहिए। इस बार राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह की थीम सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा रखी गई है और इसका आयोजन 18 जनवरी से 17 फरवरी 2021 तक रहेगा। साइकिल रैली निकालने वालों में रितेश कुमार राय, जीशान आमिर, ए.के पासवान, रंजीत कुमार का जज्बा देखते ही बन रहा था।

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