ॐ नम: शिवाय

जागरण संवाददाता औरैया शहर के बीचोंबीच स्थित गौरैया तालाब स्थित शिव मंदिर जनपद की अति प्रा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 11:12 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 11:12 PM (IST)
ॐ नम: शिवाय
ॐ नम: शिवाय

जागरण संवाददाता, औरैया: शहर के बीचोंबीच स्थित गौरैया तालाब स्थित शिव मंदिर जनपद की अति प्राचीनतम मंदिर है। परिसर में पर्याप्त खुला स्थान होने की वजह से शिव भक्त श्रावण मास में संकल्प के साथ उपासना व अनुष्ठान पूरे वर्ष कराते रहते हैं। हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन पूजा आराधना के लिए आते हैं।

मंदिर का प्राचीन इतिहास:

पुजारी का कहना है कि मंदिर का निर्माण करीब 250 वर्ष पुराना है। भिड के कस्बा फूफ निवासी मारवाड़ी परिवार ने निर्माण के समय ही परिसर का जल यहां ही संरक्षित करने की व्यवस्था की थी। मंदिर में एक कुंड का निर्माण किया गया था। जिसके जरिए अभिषेक का जल भूगर्भ में पहुंचता है। मंदिर के सामने व पीछे तालाब भी स्थापित हैं। जिनके सुंदरीकरण का काम भी चल रहा है। सुभाष चौराहा से कानपुर रोड पर आकर मंदिर तक सहजता से पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा इस प्राचीन मंदिर के इर्दगिर्द करीब 10 प्राण वायु वाले वट वृक्ष हैं। साथ ही मंदिर परिसर में फूलों की बगिया है। प्राचीन कुआं भी मंदिर के इतिहास में शामिल है।

विशेषताएं :

यहां पर आने वाले हर शिव भक्त की मुरादें पूरी होती हैं। भगवान शिव के दर्शन मात्र से ही मन को बेहद शांति मिलती है। मनो कामना सिद्धि के लिए किया गया अनुष्ठान अवश्य पूरा होता है। मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त यहां पर श्रीमद्भागवत कथा व भंडारे का आयोजन भी करते हैं। श्रीरामचरित मानस का अखंड पाठ भी आयोजित किए जाते हैं। भोले शिव के दर्शन के लिए यहां दूर-दराज से लोग आते

हैं।

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विरासत के रूप में आज भी यहां की व्यवस्था संभाले हैं। पूरे वर्ष में दो बार बृहद भंडारा होता है। जिनमें हजारों शिव भक्त सहभागिता करते हैं।यहां पर नवगृहों की मूर्ति स्थापना भी है। जो शहर के किसी भी अन्य धार्मिक स्थल पर नहीं हैं। भक्तों की पूजा आराधना की व्यवस्थाओं का विशेष ख्याल रखा जाता है।

-जीवन लाल,पुजारी --------

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पूरे वर्ष में वह रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय के जप आदि कार्यक्रम मंदिर में संपन्न कराते हैं। जिनका पूर्ण फल यजमान को मिलता है। शिव आराधना के लिए यह बहुत ही सुंदर स्थान है। यहां पर उपासना से मन को शांति प्राप्ति होती है।

-केशवम अवस्थी

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