'घायल' सड़कों पर मरहम लगा रहे अफसर
जासं औरैया जिले में शायद ही कोई सड़क दुरुस्त होगी। मुख्य मार्गों पर नजर डाली जाए तो जगह-
जासं, औरैया: जिले में शायद ही कोई सड़क दुरुस्त होगी। मुख्य मार्गों पर नजर डाली जाए तो जगह-जगह जख्म हैं। जो समय बीतने के साथ राहगीरों व वाहन सवारों के लिए नासूर बन रहे। बावजूद 'जख्मों' पर मरहम लगाने का कार्य लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कर रहे हैं।
ककोर मुख्यालय की ओर जाने वाले मार्ग, फफूंद-जालौन व यमुना रोड के अलावा प्लास्टिक सिटी होकर कंचौसी-दिबियापुर होकर कानपुर देहात को जोड़ने वाली सड़क बीते दो साल से बदहाल है। हर 10 कदम पर गड्ढे हैं। उजाले में ही नहीं दिन ढलने के बाद रास्ते पर चलना भी दूभर होता है।वर्ष 2016-17 में करीब 112 करोड़ की लागत से औरैया-फफूंद के फोरलेन के सपने को साकार करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने कार्य शुरू कराया था। कोविड-19 के चलते दिक्कतें सामने आई। यहां पर कार्य कुछ सुस्त रहा वहीं समय बीतने के साथ इसकी लागत बढ़ती चली गई। जिस कारण संशोधित बजट शासन को भेजा गया। करीब चार से छह बार पत्रों के माध्यम से बजट की मांग हुई।
लेकिन, सब ठंडे बस्ते में है। जिस कारण करीब 14 किमी मार्ग की आधी से ज्यादा सड़क की दशा पहले जैसी है। लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन अनिल कुमार जाटव का कहना है कि बजट की देरी के कारण कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। इस मार्ग के अलावा मरम्मत के इंतजार में और भी कई सड़कें हैं। इसमें ककोर मुख्यालय को जाने वाले मार्ग से सटा प्लास्टिक सिटी मार्ग है। औद्योगिक क्षेत्र के तहत इस मार्ग को चमकाने का कार्य अधूरा पड़ा है। वहीं फफूंद मार्ग से होकर कंचौसी को जाने वाली सड़क की बदहाल सूरत को बदलने का कार्य गुणवत्तापरक न कराते हुए पैचवर्क कर खानापूरी कर दी गई है।
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इन मार्गों की दशा ज्यादा खराब
- खानपुर-देवकली मार्ग, यमुना रोड, औरैया-ककोर मार्ग, कंचौसी की पूर्वी क्रासिग से होकर जाने वाला लहरापुर मार्ग। इसके अलावा कानपुर-औरैया व इटावा रोड पर कई जगह गड्ढे हो चुके हैं। जिस पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही है।