मिली मोहलत में अब उच्चाधिकारी कर्मचारियों पर टिकी नजर

जासं औरैया सरकार की ओर से बिजली उपभोक्ताओं को बकाया जमा करने में राहत देने के लिए

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 06:31 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 06:31 PM (IST)
मिली मोहलत में अब उच्चाधिकारी कर्मचारियों पर टिकी नजर
मिली मोहलत में अब उच्चाधिकारी कर्मचारियों पर टिकी नजर

जासं, औरैया: सरकार की ओर से बिजली उपभोक्ताओं को बकाया जमा करने में राहत देने के लिए एक मुश्त समाधान योजना के तहत सरचार्ज में शत प्रतिशत छूट जारी की गई है। 21 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच विभाग की ओर से कैंप लगाकर उपभोक्ताओं के बिलों को निस्तारित करते हुए अदायगी कार्य कराने के निर्देश दिए गए थे। योजना के तहत दिए गए लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व अदायगी की रिपोर्ट चिताजनक होने पर विभाग की ओर योजना को 15 दिसंबर तक विस्तार दिया गया है। प्रचार-प्रसार से लेकर डोर-टू-डोर संपर्क में खामियों को लेकर विभाग के उच्चाधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मन बना रहे है। सरकार की मंशा के अनुरूप लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकाने की तैयारी की जा रही है।

औरैया उप खंड को एक मुश्त समाधान योजना के तहत 55801 उपभोक्ताओं के बिलों को निस्तारित कर बकाया जमा कराने का लक्ष्य दिया गया था। जिसके सापेक्ष मात्र 6304 उपभोक्ताओं को योजना का लाभ दिया जा सका है। शहरी क्षेत्र में 9304 लक्ष्य के सापेक्ष 2600 उपभोक्ताओं का बकाया जमा कराते हुए करीब 28 फीसदी कार्य पूरा कराया गया। ग्रामीण क्षेत्र में लक्ष्य के सापेक्ष केवल 11.50 फीसदी उपभोक्ताओं को लाभ दिया गया। औरैया में 21 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच तीन करोड़ 86 लाख रुपये का राजस्व जमा कराया गया। जिसके सापेक्ष सरचार्ज में एक करोड़ 12 लाख रुपये की छूट का वहन सरकार की ओर से किया गया है। पूरे आंकड़ों की समीक्षा के आधार पर विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर उच्चाधिकारी सख्ती के मूड में है। डोर-टू-डोर अभियान के साथ-साथ संघन संपर्क की मानीटरिग के अलावा बिलों के निस्तारण कार्य में लापरवाही पर जिम्मेदार कर्मचारी पर कार्रवाई करने के लिए उच्चाधिकारी योजना बना चुके है। अधीक्षण अभियंता दिनेश कुमार दोहरे ने बताया कि लक्ष्य के सापेक्ष योजना के आंकड़े चिताजनक है। स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों को भी इस ओर सजग किया गया है। ज्यादा से ज्यादा मामलों का निस्तारण कराने पर जोर है।

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