जुलाई 2020 से सिर्फ शिक्षक का वेतन ले रहे थे दिवंगत विधायक
जागरण संवाददाता औरैया कोरोना से पीड़ित सदर विधायक के निधन पर उनके चाहने वालों के
जागरण संवाददाता, औरैया: कोरोना से पीड़ित सदर विधायक के निधन पर उनके चाहने वालों के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। इस सदमे से शायद ही वह उबर सकें। क्योंकि, दिवंगत विधायक का व्यक्तित्व व कर्तव्यनिष्ठा के सभी कायल थे। उनके करीबियों का कहना है कि उनका व्यक्तित्व दूसरों से अलग था। कहीं भी रहकर वह स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों के बारे में स्कूल प्रबंधन से पूछते जरूर थे। इसके अलावा लोकतंत्र से वह जमीनी स्तर से जुड़े थे। स्कूल में शिक्षक की भूमिका निभाई तो उन्होंने विधायक का वेतन नहीं लिया। जब वह शिक्षक की भूमिका में नहीं रहे तो विधायक की पगार ली।
दिवंगत सदर विधायक रमेश चंद्र दिवाकर वर्ष 2001 में प्रदेश के मऊनाथ भंजन स्थित विद्यालय में व्यायाम शिक्षक पद पर तैनात हुए थे। करीब तीन साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद उन्होंने 2004 में स्थानांतरण करवाकर चौधरी विशम्भर सिंह भारतीय विद्यालय में इसी पद पर कार्यभार संभाला। आरएसएस में वह लंबे समय से सक्रिय रहे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जिला अध्यक्ष के पद पर वह थे। भाजपा ने उन्हें विधायकी का चुनाव लड़वाया। जो वह जीत गए और औरैया विधानसभा से विधायक चुने गए। विधायक की शपथ लेने के बाद उन्होंने तीन साल तक बिना वेतन के स्कूल से छुट्टी ले ली। इसके बाद जुलाई 2020 में उन्होंने विद्यालय में व्यायाम शिक्षक पर अपनी सेवाएं देनी शुरू कीं। तब से अभी तक विधायक का वेतन भी छोड़ दिया था। सदन की कार्रवाई में शामिल होने के समय का शिक्षक वेतन भी वह कटवाते रहे। स्कूल के प्रधानाचार्य संजय शुक्ला ने बताया कि विद्यालय ने एक कुशल, कर्तव्यनिष्ठ, सौम्य व संस्कारित व्यक्तित्व खो दिया है। उनकी कमी विद्यालय को हर समय खलती रहेगी। प्रबंधक सौरभ भूषण शर्मा, बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्य गीता चतुर्वेदी, शिक्षक श्रवण चतुर्वेदी, राम प्रसाद आदि समस्त स्टाफ ने दुख व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा।