पक्की छत की चाहत में उजड़ गया कच्चा आशियाना

संवाद सहयोगी अजीतमल प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्की छत के लालच में अपना कच्चा घर भी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:27 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:27 PM (IST)
पक्की छत की चाहत में उजड़ गया कच्चा आशियाना
पक्की छत की चाहत में उजड़ गया कच्चा आशियाना

संवाद सहयोगी, अजीतमल : प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्की छत के लालच में अपना कच्चा घर भी गंवा दिया। अब कई परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। लाभार्थियों को योजना की पहली किश्त मिलने पर अपना सपना साकार होते दिखा। लेकिन बाकी की किश्तें मिलने में जांच रोड़ा बन गई। आवास की नींव तो जैसे-तैसे भर गई। छत न मिलने से सर्दी, गर्मी, बारिश का मौसम खुले में रहकर गुजारना पड़ रहा है। ऐसे परिवार मोमिया तानकर, फूस की छत को बल्लियों पर टीका कर परिवार व गृहस्थी को बचाने की जुगाड़ में जुटे हैं। महिलाओं और किशोरियों की सुरक्षा के लिए बड़े बुजुर्ग रातभर जागते हुए सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। नगर पंचायत प्रशासन ने इन परिवार के हालात को देखते हुए डूडा के पीओ सहित डीएम को भी कई बार पत्र लिखकर किश्त भेजने का आग्रह किया है।

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चेयरमैन रानी पोरवाल ने बताया कि डीएम के साथ हुई बैठक में इस समस्या को रखा। डूडा के पीओ को भी कई बार पत्र लिखकर जांच पूरी कर दूसरी ़िकश्त भेजने का आग्रह किया। अभी तक करीब 430 लाभार्थियों के खातों में दूसरी ़िकश्त नहीं आई है। पहली किस्त से कच्ची दीवाल, झोपड़ियां आदि हटाकर नींव भरवा ली। कार्य अधूरा पड़ा है।

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लाभार्थी गीता पत्नी स्व. राधामोहन कुशवाहा निवासी नवीन नगर बाबरपुर का कहना है कि पहली ़िकश्त 50 ह•ार रुपये मिलने पर कच्ची छत गिरवाकर नींव भरवा दी। क्या पता था कि दूसरी किश्त मिलेगी भी या नहीं। बच्चों प्राची, जगदीश, प्रिस, हिमांशु के साथ तख्त के ऊपर मोमिया तानकर रहने को मजबूर हैं। कमलेश कुमारी पत्नी राजेंद कुमार निवासी नवीन नगर ने बताया कि पक्की छत की चाहत ने कच्चा आशियाना भी उजाड़ दिया। पहली किश्त में नींव भरवाकर बेटियों की सुरक्षा के लिए 70 ह•ार रुपये कर्ज लेकर चारों तरफ दीवारें खड़ी करवा ली। छत पर मोमिया तानकर वमुश्किल गुजारा कर रही हूं। कर्ज देने वाले लोग भी अपने रुपये वापस मांग रहे हैं।

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