सरकार बनी तो दोबारा होगी बिकरू कांड की जांच : सतीश मिश्र
जागरण टीम औरैया/ इटावा विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्माणों को साधने में जुटी बसपा कानपु
जागरण टीम, औरैया/ इटावा : विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्माणों को साधने में जुटी बसपा कानपुर के चर्चित बिकरू कांड को भी मुद्दा बनाने से नहीं चूक रही। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा ने शनिवार को औरैया और इटावा के बकेवर में प्रबुद्ध वर्ग सम्मान व सुरक्षा पर विचार संगोष्ठी में कहा कि विधानसभा चुनाव बसपा अकेले लड़ेगी। यदि सरकार बनती है तो बिकरू कांड की दोबारा जांच कराई जाएगी। वर्तमान में जो भी विवेचना कराई गई है, वो सरकार के इशारे पर हुई। बिकरू कांड के नाम पर निर्दोष ब्राह्माणों को अलग-अलग स्थानों से उठाकर हत्या करवा दी गई। 50 से ज्यादा निर्दोष ब्राह्माण समाज के लोग विभिन्न धाराओं में जेल में निरुद्ध हैं।
राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, आखिर अमर दुबे (गैंगस्टर विकास दुबे का भतीजा) की पत्नी का का क्या दोष था। उसे लखनऊ से मिले इशारे पर जेल में डाल दिया गया। उसे पैरोल तक नहीं मिली। गलत रिपोर्ट लगाकर उसकी जमानत अर्जी खारिज करा दी गई। उन्होंने हिदू संगठन के नेता कमलेश तिवारी के अलावा रायबरेली, गोरखपुर, लखनऊ में ब्राह्माणों की हत्या का भी आरोप लगाया। कहा, लखनऊ में विनय तिवारी की गाड़ी रोककर पुलिस ने सीने में गोली मार दी। मीरजापुर में नाबालिग ब्राह्माण बच्चों को मार दिया गया। ब्राह्माण समाज का ऐसा उत्पीड़न सपा सरकार में ही देखने को मिलता था। कन्नौज इसका उदाहरण है। वर्ष 2007 के चुनाव में बसपा ने ब्राह्माण समाज के 85 प्रत्याशी बनाए गए थे। जीते विधायकों में से 16 कैबिनेट मंत्री बनाए थे। ब्राह्माणों के सम्मान और सुरक्षा की लड़ाई उन्होंने लड़ी। सबसे ज्यादा सम्मान ब्राह्माण को यदि कहीं मिला है तो बसपा में। हाथरस कांड का जिक्र करते हुए बसपा नेता ने दलित उत्पीड़न की चर्चा की। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। बोले, हर वर्ष दो करोड़ नौकरी का वादा करके युवाओं का वोट लिया गया और आज हर वर्ष दो करोड़ नौकरियां कम हो रही हैं। सरकारी व्यवस्थाएं निजी हाथों में पहुंच रही हैं। रोजगार के मार्ग बंद हो गए। इससे पहले समर्थकों ने सतीश चंद्र मिश्र के साथ पूर्व मंत्री नकुल दुबे का भी स्वागत किया गया। राष्ट्रीय महासचिव को फरसा भेंट किया। राम मंदिर के पैसों से चला रहे पार्टी
राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ तो इसे बनवाने के नाम पर भाजपा ने हजारों करोड़ रुपये बटोरे। इन पैसों का इस्तेमाल पार्टी चलाने में कर रही है। पांच अगस्त 2020 को दो सौ करोड़ रुपये खर्च कर भूमि पूजन कार्यक्रम कराया गया, जबकि उस दिन सिर्फ पांच ईटों का पूजन हुआ। भाजपा बताए, वसूला गया पैसा कहां गया।