डाक्टर हैं ही नहीं तो इलाज कौन कर रहा!

संवाद सूत्र अयाना शासन-प्रशासन लाख कोशिश कर ले। किंतु स्वास्थ्य विभाग के लंबरदार अभी भी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 11:18 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 11:18 PM (IST)
डाक्टर हैं ही नहीं तो इलाज कौन कर रहा!
डाक्टर हैं ही नहीं तो इलाज कौन कर रहा!

संवाद सूत्र, अयाना: शासन-प्रशासन लाख कोशिश कर ले। किंतु, स्वास्थ्य विभाग के लंबरदार अभी भी 'दस नंबरी' ही बने हुए हैं। सेवाभाव तो उनमें अब रही ही नहीं। डाक्टरों व कर्मचारियों की लेटलतीफी का जीता-जागता उदाहरण है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अयाना। शनिवार को एसडीएम अजीतमल रमापति ने सीएचसी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान गैरहाजिर कर्मचारियों की स्वयं ही अनुपस्थिति लगा दी। एसडीएम के निरीक्षण से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हडकंप मच गया। दो डाक्टर समेत 11 कर्मचारी गैरहाजिर मिले। झल्लाते हुए एसडीएम बोले, 'डॉक्टर है नहीं तो इलाज कौन करता है!' उनका प्रश्न सुनकर उपस्थित कर्मी बगले झांकने लगे। इतना ही नहीं, उपजिलाधिकारी ने लापरवाह कर्मचारियों को आगाह किया कि काम के प्रति वे उदासीन कतई न रहें। अन्यथा की स्थिति में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है।

शनिवार को उप जिलाधिकारी अजीतमल रमापति ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। जिसमें सफाई कर्मी अखिलेश, प्रोग्राम मैनेजर चंद्रशेखर, एएनएम अनीता, डॉ. मुहिम अशरफ, डॉ. नागेंद्र यादव, फार्मासिस्ट रौली, अन्नू अग्निहोत्री, विभा त्रिपाठी, प्रीती सचान और डीआरए विशाल बाबू अनुपस्थित मिले। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। कहा कि अगर स्टाफ अस्पताल में नहीं होगा तो मरीजों का इलाज कौन करेगा। इसको लेकर उन्होंने अपनी रिपोर्ट डीएम सुनील कुमार वर्मा को सौंप दी है। निरीक्षण के दौरान उपस्थिति रजिस्टर को किया चेक किया और खुद ही उनकी अनुपस्थिति लगा दी। जिसमें सात संविदा कर्मी, तीन फार्मासिस्ट, एक डीआरए अनुपस्थित रहे। सीएचसी अधीक्षक डॉ. अजय कुमार ने बताया कि वह नियमित टीकाकरण के कार्य को देखने के लिए भरसेन गए हुए थे। एसडीएम ने बताया कि सभी अनुपस्थित लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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