गवाहों के पक्षद्रोही होने के बावजूद पति को आजीवन कारावास

जासं औरैया जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने थाना दिबियापुर में छह वर्ष पूर्व ससुराल में हुई विवाहि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 11:30 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 11:30 PM (IST)
गवाहों के पक्षद्रोही होने के बावजूद पति को आजीवन कारावास
गवाहों के पक्षद्रोही होने के बावजूद पति को आजीवन कारावास

जासं, औरैया: जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने थाना दिबियापुर में छह वर्ष पूर्व ससुराल में हुई विवाहिता की मौत के मामले में पति को हत्या का दोषी मानकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अर्थदंड की सजा से भी दंडित किया। उक्त मामले में विचारण के दौरान गवाह अपने बयानों से मुकर गए। जिससे आरोपित ससुर व सास को दोषमुक्त कर दिया।

अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा ने बताया कि गांव जगजीवनपुर थाना अकबरपुर जिला कानपुर देहात निवासी वादी सत्तार खां पुत्र गफूर खां ने थाना दिबियापुर में रिपोर्ट लिखाई। इसमें कहा कि उसने अपनी 25 वर्षीय पुत्री शबीना बानो की शादी 2010 में पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर निवासी सलीम खां पुत्र वशीर से की थी। एक अगस्त 2015 को ससुराल में उसकी पुत्री की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। दहेज हत्या में दर्ज कराई रिपोर्ट में मृतका के पिता ने पति, ससुर व सास सरवरी को आरोपित बनाया। पुलिस ने तीनों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। दहेज हत्या का यह मामला सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार वर्मा के न्यायालय में चला। समझा जाता है कि विचारण के दौरान वादी व आरोपितों के बीच समझौता हो गया। इससे वादी पिता व गवाह माता ने रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के विपरीत गवाही दी। सभी गवाहों ने पक्षद्रोही होने के बावजूद कोर्ट ने मृतका की मृत्यु असमान्य परिस्थितियों में आरोपित पति के घर में होने को गंभीरता से लिया तथा यह माना कि पति सलीम खां ने ही पत्नी शबीना बानो की हत्या कारित की। दहेज को लेकर कोई गवाही न दिए जाने पर सभी को दहेज हत्या के आरोप से दोषमुक्त कर दिया। लेकिन पति को पत्नी की गला दबाकर हत्या का दोषी मानकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास व 35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा दी। अधिवक्ता शिवम वर्मा ने बताया कि अर्थदंड में से 15 हजार रुपये मृतका के पुत्र असद के नाम सावधि खाते में जमा करने का भी आदेश दिया। जिसे वह बालिग होने पर प्राप्त करेगा। अभियुक्त को जिला कारागार इटावा भेज दिया।

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