70 वर्ष बीतने के बाद भी नगला यशोदा में नहीं पहुंची बिजली

जागरण संवाददाता औरैया केंद्र सरकार देश के हर गांव व हर घर में बिजली पहुंचाने के लि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 11:53 PM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 06:02 AM (IST)
70 वर्ष बीतने के बाद भी नगला यशोदा में नहीं पहुंची बिजली
70 वर्ष बीतने के बाद भी नगला यशोदा में नहीं पहुंची बिजली

जागरण संवाददाता, औरैया : केंद्र सरकार देश के हर गांव व हर घर में बिजली पहुंचाने के लिए गंभीर है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण आज भी जिले के कई गांव विद्युतीकरण से वंचित हैं। बिधूना विकास खंड में ऐसा ही एक गांव नगला यशोदा है। यहां आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। आधा सैकड़ा से अधिक घर केरोसिन के सहारे लालटेन व ढिबरी की रोशनी से रोशन हो रहे हैं।

जिले के हर गांव व हर घर को रोशन करने के लिए केंद्र ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण व सौभाग्य योजना संचालित की है। यह योजना जनपद में जुलाई 2018 में शुरू की गई। इसका कार्य एनसीसी व एलएनटी कंपनी को सौंपा गया है। इनको जिले के 90001 घरों तक कनेक्शन पहुंचाने का कार्य दिया गया है। दिसंबर 2018 में जिले को पूर्ण रूप से सौभाग्य घोषित किया गया। तब तक औरैया व दिबियापुर डिवीजन में करीब 69 हजार उपभोक्ताओं को बिजली का लाभ दिया जा चुका था। अप्रैल 2019 में सौभाग्य योजना बंद हो गई, लेकिन सौभाग्य द्वितीय करके इसे पुन: सितंबर में शुरू किया गया। यह 31 दिसंबर 2019 तक चालू रहेगी। जिले में अभी भी सैकड़ों घर बिजली की रोशनी से वंचित हैं। बिधूना ब्लॉक के गांव नगला यशोदा में लगे खाली बिजली के पोल देखकर ग्रामीण जल्द बिजली आने की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन उनका इंतजार कब खत्म होगा, यह तो वक्त ही बताएगा। गांव निवासी हरेंद्र, जगदीश, होम सिंह, जयवीर, शिववीर, राकेश आदि का कहना है कि लालटेन व ढिबरी की रोशनी में बच्चे स्कूल का काम पूरा कर रहे हैं। कभी-कभी केरोसिन खत्म हो जाने पर सूर्यास्त से पहले खाना खा पीकर अंधेरे में रात गुजारना लोगों की मजबूरी बन गई है। क्या कहते हैं जिम्मेदार

जिले में ज्यादातर बीपीएल व एपीएल परिवारों को सौभाग्य योजना के तहत कनेक्शन दिए गए हैं। सौभाग्य द्वितीय में 10 हजार घरों को बिजली देने का लक्ष्य है। अभी तक छह हजार लोगों को लाभ दिया जा चुका है। सौभाग्य के अंतर्गत आने वाले गांव का विद्युतीकरण कराकर वहां जल्द बिजली पहुंचाई जाएगी।

एके श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता

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