डीएपी-यूरिया की किल्लत से जूझ रहे किसान, बढ़ी परेशानी

संवाद सूत्र बेला कस्बा क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे है। कस्बा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:38 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:38 PM (IST)
डीएपी-यूरिया की किल्लत से जूझ रहे किसान, बढ़ी परेशानी
डीएपी-यूरिया की किल्लत से जूझ रहे किसान, बढ़ी परेशानी

संवाद सूत्र, बेला: कस्बा क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे है। कस्बा स्थित साधन सहकारी समिति पर जुलाई से खाद की एक भी खेप नहीं है। खाद के लिए आने वाले किसानों को खाली हाथ वापस जाना पड़ रहा है। वहीं निजी दुकानदार मुनाफाखोरी कर किसानों से मनमाना दाम वसूल कर रहे है। इतना ही नहीं, समिति में ताला लगा होने से किसानों की परेशानी और बढ़ी है।

रबी की फसल को लेकर इन दिनों खाद की मांग बढ़ी हुई है। लेकिन कस्बा स्थित साधन सहकारी समिति पर खाद की खेप जुलाई से नहीं है। फसल की बोआई कर चुके किसानों को मजबूरन निजी दुकानों का रुख करना पड़ रहा है। जहां उन्हें समिति पर मिलने 266 रुपये की यूरिया की बोरी को 300 रुपये में खरीदना पड़ रहा है। कुछ ऐसा ही हाल डीएपी खाद में भी है। निजी दुकानदार 1200 रुपये की बोरी 1300 रुपये में बेच रहे है। किसानों को अपनी मेहनत की कमाई को मुनाफाखोर निजी दुकानदारों के हाथों गंवानी पड़ रही है। जिसके बावजूद प्रशासन किसानों की समस्या को लेकर गंभीरता नहीं बरत रहा है। किसान जीवालाल, राकेश चंद्र, रघुवीर सिंह, सदन पाल, रिकू पाल, लाखन सिंह व रणवीर सिंह ने बताया कि समिति पर खाद नहीं मिल रही है। निजी दुकानदार आधारकार्ड से खाद की बोरी लेने पर पर्ची नहीं दे रहे है। वहीं खाद में मिलावट का खतरा भी बना हुआ है। खाद की कालाबाजारी चर्म पर है। फिर भी प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा है। खाद की किल्लत को लेकर सहकारी समिति के एकाउंटेंट अभिनाथ सिंह यादव ने बताया कि जुलाई से यूरिया की खेप नहीं आई है। जिसको लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।

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