डूडा ने तो बना ली 'बात', लेकिन 'गरीबों' की कहां कटेगी रात

जासं औरैया सर्दी ने धीरे-धीरे असर दिखाना शुरू कर दिया है। जरूरतमंदों को इससे बचाने के ि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 11:33 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 11:33 PM (IST)
डूडा ने तो बना ली 'बात', लेकिन 'गरीबों' की कहां कटेगी रात
डूडा ने तो बना ली 'बात', लेकिन 'गरीबों' की कहां कटेगी रात

जासं, औरैया: सर्दी ने धीरे-धीरे असर दिखाना शुरू कर दिया है। जरूरतमंदों को इससे बचाने के लिए नगर पालिका परिषद की ओर से रोडवेज डिपो के प्रतीक्षालय में करीब 20 लोगों को आश्रय देने का इंतजाम रैन बसेरा के जरिये किया गया है। वहीं लाखों की लागत से डूडा की ओर से बनाया जा रहा 300 क्षमता का रैन बसेरा कागजों में पूरा हो रहा।

मौसम में बदलाव हर दिन देखने को मिल रहा है। अन्य दिनों के मुकाबले सोमवार को तापमान में ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। मौसम विज्ञानी की ओर से आने वाले दिनों में बारिश की संभावना जताई जा रही है। बावजूद जरूरतमंदों को सुरक्षित करने का कार्य जिले में सुस्त है। आश्रय के अभाव में असहाय केवल एक रैन बसेरे पर आश्रित है। 20 जरूरतमंदों के लिए डिपो में नगर पालिका परिषद की ओर से बनाया गया रैन बसेरा भी सुविधाओं से दूर है। यहां प्रकाश व्यवस्था नहीं। अंधेरा होने से रैन बसेरा में कोई रुकना नहीं चाहता। करीब 15 दिन पहले बनाए गए इस बसेरे में किसी ने एक रात भी नहीं काटी। दूसरी ओर डूडा की ओर से शहर के ब्लाक रोड सड़क पर 300 जरूरतमंदों की क्षमता वाले सुविधाजनक रैन बसेरे का निर्माण कराया जा रहा है। अधिशासी अधिकारी बलवीर सिंह ने बताया कि जरूरत के अनुसार रैन बसेरे की संख्या बढ़ाई जाएगी।

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अस्थायी गो-आश्रय से भाग निकले 24 मवेशी

संस, अजीतमल: जिले की गोशालाओं व गो-आश्रय की एक और हकीकत सामने आई है। व्यवस्थाओं को नजर अंदाज किए जाने के कारण रविवार की देर रात गांव अमावता में अस्थायी गो-आश्रय स्थल से 24 मवेशी बाउंड्रीवाल न होने से भाग निकले। जानकारी पर संचालक व खंड विकास अधिकारी के होश उड़ गए। पूरे मामले की जांच की जा रही है।

ब्लाक क्षेत्र के गांव अमावता में अस्थाई गो-आश्रय स्थल है। एक समिति द्वारा इसका संचालन किया जा रहा है। आश्रय स्थल के प्रबंधक शिव महेश दुबे ने बताया कि आश्रय स्थल में 104 मवेशियों की सेवा की जा रही थी। रविवार की रात आश्रय स्थल के आसपास लगे तारों को तोड़कर 24 मवेशी भाग निकले। कोतवाली पुलिस व खंड विकास अधिकारी सतीश पांडेय को पूरे मामले की जानकारी दी गई है। शिव महेश दुबे ने कहा कि बाउंड्रीवाल के लिए कई बार पत्राचार किया गया। लेकिन आज तक सुरक्षा व्यवस्था पर कोई कार्य नहीं कराया गया। वहीं सतीश पांडेय ने इस घटना से इन्कार किया है। उनका कहना है कि यदि ऐसा हुआ है तो जांच कराई जाएगी। बता दें कि सर्दी से जतन के इंतजाम गो-आश्रय व गोशालाओं में अधूरे हैं। इसके अलावा कई ऐसी गोशाला हैं जहां की बाउंड्रीवाल टूटी या है नहीं।

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