खाद की किल्लत व सूखी नहरों से किसानों पर दोहरी मार
जासं औरैया एक ओर जहां सरकार किसानों को दिल खोलकर राहत देने की कवायद में जुटी है
जासं, औरैया: एक ओर जहां सरकार किसानों को दिल खोलकर राहत देने की कवायद में जुटी है, वहीं दूसरी ओर सरकारी तंत्र इस प्रयास पर पानी फेरने का काम कर रहा है। समितियों व खाद बिक्री के केंद्रों पर किसान परेशान नजर आ रहे। निजी दुकानदारों के हाथों औने-पौने दामों पर डीएपी खाद खरीदने को मजबूर है। उनकी परेशानी को नहर विभाग और बढ़ा रहा। नहर सूखी पड़ी हैं। किसान पंप सेट व सबमर्सिबल के सहारे हैं।
जिले में अछल्दा से प्रवेश करते हुए दिबियापुर से कंचौसी होते हुए कानपुर देहात को जाने वाली निचली रामगंगा नहर में न के बराबर पानी होने से इन दिनों रजबहा व माइनर सूखे पड़े हुए हैं। जबकि नहर से सटे जिले में सैकड़ों गांव है, जो केवल सिचाई के लिए नहर पर आश्रित है। पानी के अभाव के चलते आलू, गेहूं समेत कई अन्य फसलों की सिचाई के लिए दूसरे संसाधनों का प्रयोग करने पर वह मजबूर हो रहे। इससे लागत की मार पड़ रही है। दूसरी ओर शहर के दिबियापुर बाइपास से निकलने वाली भोगनीपुर डिवीजन गंगा नहर भी सूखी है।
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किसानों की पीड़ा. .
नहर बंबा को लेकर सरकार निश्शुल्क सिचाई मुहैया कराने का दावा करती है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की मनमानी के चलते समय से पानी नहीं छोड़ जाता है।
-राम सिंह, किसान
सिचाई के संसाधनों पर ग्रहण लगा हुआ है। सब जानते हुए भी सिचाई विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
-सोनू शर्मा, किसान
पहले डीएपी की कमी थी, अब यूरिया नहीं मिल रही है। गेहूं का अंकुरण हो चुका है, ऐसे में यूरिया की डिमांड है। निजी दुकानदार दामों को लेकर मनमानी कर रहे हैं।
-सत्य प्रकाश, किसान