स्टीयरिग ग्रुप के सदस्यों को डीएम ने किया अलर्ट
जागरण संवाददाता औरैया यमुना नदी में बाढ़ जैसी स्थिति हर साल बनती है। पानी बढ़ जाने से आधा
जागरण संवाददाता, औरैया: यमुना नदी में बाढ़ जैसी स्थिति हर साल बनती है। पानी बढ़ जाने से आधा सैकड़ा से अधिक गांव चपेट में आ जाते हैं। फसलों का नुकसान भी लोगों को उठाना पड़ता है। स्थितियां यहां तक बन जाती हैं कि गांव के लोगों का संपर्क जिले से टूट जाता है। ऐसी नौबत न आए, इसके लिए पूर्व में ही प्रशासन सारी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने में जुट गया है। ताकि, लोगों का नुकसान न हो सके। यमुना नदी में चेतावनी बिदु 112 मीटर व खतरे का निशान 113 मीटर पर अंकित है। 101.02 मीटर जल स्तर रविवार देर शाम तक रहा।
जिले में बीते एक सप्ताह से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। आसपास के जिलों में भी मानसून के बादल हैं। हर दिन आसमान में छाए रहे काले घने बादल को देखते हुए जिला प्रशासन सजग हो गया है। आने वाले समय में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। अधिकारियों ने कार्ययोजना बना ली है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित गांवों में अधिकारियों ने वहां की व्यवस्थाओं को भी परखना शुरू कर दिया है। यमुना नदी से सटे गांवों के निवासियों को अभी से सतर्क कर दिया गया है। इसके अलावा डीएम सुनील कुमार वर्मा ने स्टीयरिग ग्रुप के सदस्यों को सजग किया है। यमुना नदी के किनारों पर निगाहें टिका दी गई हैं।
करीब 38 गांवों में रहती है बाढ़ की संभावना:
अजीतमल तहसील प्रशासन द्वारा तैयार किए गए सर्वेक्षण के अनुसार यमुना नदी में बाढ़ आने से तहसील क्षेत्र के कुल 38 गांवों प्रभावित होने की संभावना रहती है। इसमें अति प्रभावित होने वाले 15 गांवों के करीब 1625 परिवारों में लगभग 9508 लोग अधिक प्रभावित होंगे।
बाढ़ से ज्यादा प्रभावित होने वाले गांव:
सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले गांवों में बंशियापुर, बरदौली, मिश्रपुर मानिकचंद, बड़ैरा, गोहानी कलां, सिकरोड़ी, फरिहा, जाजपुर, जुहीखा, बीझलपुर, ततारपुर कलां, गोहानी खुर्द, कैथोली, असेवा हैं। कम प्रभावित होने वाले गांवों में असेवटा, नगला बनारस, सिखरना, मलगंवा, नखतपुर, रामनगर, रामपुर प्रतापसिंह, सढ़रापुर, बबाइन, पहाड़पुर, भरतौल हैं। बाढ़ की भयावह स्थित से निपटने के लिए तहसील प्रशासन ने गोताखोरों और नाव चालकों को सतर्क कर दिया है। इसके अलावा तहसील प्रशासन ने क्षेत्र के जगन्नाथपुर में एक, गांव सिकरोडी में 10, व्यौरा नवलपुर में 6 गोताखोरों को जिम्मेदारी
दे दी गई है। वहीं सिकरोड़ी में चार और मुरादगंज में 10 छोटी नाव की व्यवस्था की गई है।