पारदर्शिता के बावजूद जिले में 4,109 डुप्लीकेट राशन कार्ड
धनंजय त्रिवेदी औरैया सरकार की ओर से राशन वितरण में पारदर्शिता बरतने की तमाम कोशिश
धनंजय त्रिवेदी, औरैया: सरकार की ओर से राशन वितरण में पारदर्शिता बरतने की तमाम कोशिशें की जा रही है लेकिन बनी व्यवस्था को सेंध लगाने का कार्य किया जा रहा। सत्यापन के बावजूद जिले में चार हजार से ज्यादा डुप्लीकेट राशन कार्ड बना दिए गए। कार्ड धारकों को राशन वितरण भी होने लगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत शुरू हुई कवायद के तहत डुप्लीकेट कार्ड प्रकाश में आए हैं। जिले में 4109 राशन कार्ड ऐसे हैं, जिनमें लगाया गया आधार कार्ड दूसरे प्रांतों के हैं। यह गड़बड़झाला पकड़ में आने के बाद महकमे में खलबली मच गई है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत समस्त राशन कार्ड तथा लाभार्थियों के देशव्यापी डेटा की डुप्लीकेसी समाप्त करने के लिए केंद्रीकृत व्यवस्था अपनाई जा रही। सत्यापन का कार्य शुरू कराया गया है। ताकि वास्तविक स्थिति सामने आ सके। इनमें से जो लोग अपात्र पाए जाएंगे उनके स्थान पर पात्रों को जोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता के लिए तमाम कवायद की जा रही है लेकिन सेंध लगाने में लोग पीछे नहीं। नतीजतन जिले में 4109 ऐसे राशन कार्ड मिले हैं जो डुप्लीकेट हैं। राशन कार्डधारकों ने अपनी व परिवार के सदस्यों की आइडी दूसरे राज्यों की लगा रखी है। डुप्लीकेसी स्पष्ट होकर सामने के आने के बाद अब पूर्ति विभाग हरकत में आ गया है और नए सिरे से सत्यापन के कार्य को शुरू कराया जा रहा है। 15 दिन में जांच रिपोर्ट शासन को भेजनी है।
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जांच को बनाई जाएंगी टीमें
डुप्लीकेसी की सत्यता को परखने के लिए ब्लाक व निकायवार जांच टीमें गठित की जाएंगी। जिला पूर्ति अधिकारी अपनी लॉग इन से जनपद की डुप्लीकेसी रिपोर्ट को डाउनलोड कर टीमों को उपलब्ध कराएंगे। जांट टीमें 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट जिला पूर्ति अधिकारी को उपलब्ध कराएंगी।
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जितने भी राशनकार्ड डुप्लीकेट होने की बात सामने आई है उनकी जांच भली भांति कराई जाएगी। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि कोई वास्तविक पात्र व्यक्ति राशन से वंचित न होने पाए। साथ ही उन सभी राशन कार्डधारकों को चेतावनी दी जा रही है जिन्होंने गलत जानकारी के आधार पर अपना राशन कार्ड बनवाया है। अगर वह लोग खुद राशनकार्ड सरेंडर नहीं करते हैं तो एफआइआर दर्ज करवाते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी।
देवमणि मिश्रा, जिला पूर्ति अधिकारी