अग्नि को साक्षी मानकर जीवन साथी बने दीपक व बबिता

- बैकुंठ चौदस पर वैदिक रीति रिवाज से संपन्न हुआ शादी समारोह - श्रद्धा भाव से पुरुषों व महिल

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 07:40 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 07:40 PM (IST)
अग्नि को साक्षी मानकर जीवन साथी बने दीपक व बबिता
अग्नि को साक्षी मानकर जीवन साथी बने दीपक व बबिता

- बैकुंठ चौदस पर वैदिक रीति रिवाज से संपन्न हुआ शादी समारोह

- श्रद्धा भाव से पुरुषों व महिलाओं ने पूजे तुलसी मैया के पैर

जागरण संवाददाता, औरैया : शहर स्थित पोरवाल धर्मशाला में बैकुंठ चौदस पर एक विचित्र पहल समिति के सदस्यों ने तुलसी विवाह श्रद्धाभाव से आयोजित किया। इस पर्व पर बेसहारा बबिता व दीपक अग्नि को साक्षी मानकर एक दूसरे के जीवन साथी बने। संगठन के सदस्यों ने उन्हें उपहार भेंट किए।

तुलसी विवाह के साथ आचार्य पंडित धर्मेश दीक्षित ने पारंपरिक रूप से वैदिक रीति रिवाज व मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से शादी कार्यक्रम संपन्न कराया। दोनों शादी के अटूट बंधन में बंध गए। समिति के संस्थापक आनंद नाथ गुप्ता ने बताया कि तुलसी मैया के विवाहोत्सव के साथ जरूरतमंद जोड़े का घर बसाकर संगठन के सदस्यों को आत्मिक प्रसन्नता की अनुभूति हुई। समिति द्वारा ऐसे अनूठे आयोजन भविष्य में करने का संकल्प दोहराया। तुलसी शाखा अध्यक्ष बबिता ने महिला सदस्यों के साथ पपंपरागत ढंग से वैवाहिक जोड़े का जयमाला कार्यक्रम आयोजित किया। सभी लोगों ने नम आंखों से नव दंपती की विदाई की। कन्या व वर पक्ष के लोगों ने व्यंजनों का आनंद लिया। इस आयोजन पर समिति के सदस्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। समारोह में शहर के लोगों ने तन-मन-धन से सहयोग किया। नव दंपती को उपहार भी भेंट किए गए। कार्यक्रम में आनंद गुप्ता, रानू पोरवाल, कपिल गुप्ता, हरमिदर सिंह कोहली, आदित्य पोरवाल, जूनियर शाखा अनमोल के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता,अभिषेक गोयल, मीरा गुप्ता, लक्ष्मी विश्नोई, यूविका, रिकी, उमा, रानी, आशा, प्रतिभा, सीमा, सुनीता, प्रतिमा, सुमन, सुनीता, प्रभा आदि मौजूद रहीं।

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