कोविड के बढ़ते संक्रमण के बावजूद चकबंदी प्रक्रिया जारी
जागरण टीम औरैया एक ओर सरकार प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लगाकर कोरोना की चेन तोड़न
जागरण टीम, औरैया: एक ओर सरकार प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लगाकर कोरोना की चेन तोड़ने के लिए प्रयासरत है। ऐसे में चकबंदी विभाग सरकार के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है। कोरोना कर्फ्यू के समय एरवाकटरा में चकबंदी प्रक्रिया जारी है। किसानों की अनुपस्थिति में ही चक काटे जा रहे हैं। प्रक्रिया से परेशान किसानों का कहना है कि कोरोना काल में इस तरह की कार्रवाई समझ से परे है।
चकबंदी विभाग एरवाकटरा में चकबंदी प्रक्रिया जारी रखे हुए है। ज्यादातर किसान या उनके परिवार का सदस्य या तो बीमारी से ग्रसित है, नहीं तो कोरोना महामारी के डर से अपने घरों में समय गुजार रहे हैं। महामारी के इस भयानक दौर में चकबंदी प्रक्रिया जारी रखना जानबूझकर किसानों को संक्रमण की चपेट में झोंकने का काम कर रहा है। एरवाकटरा निवासी अखिलेश कुमार जाटव का कहना है कि वह बीमार हैं। उसके खेत का वाद चकबंदी अधिकारी के न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बाबजूद भी चकबंदी लेखपाल व कानूनगो ने विपक्षी को जरीब डालकर कब्जा दे दिया। नाप से पहले उन्हें कोई सूचना भी नहीं दी गई। छोटेलाल जाटव ने बताया कि साप्ताहिक बंदी के दौरान खेतों में जरीब डालकर नाप सरकार के नियमों की अनदेखी है। निहाल सिंह का कहना है कि एक गाटा संख्या में तीन लोगों ने तीन बीघा जमीन खरीदी थी। चकबंदी विभाग द्वारा हेरफेर करके चार हिस्से कर दिए। चकबंदीकर्ता लेखपाल और कानूनगो ने बताया कि चकबंदी एसओसी ज्ञानेंद्र त्रिपाठी के द्वारा छह मई को दिए गए आदेश के अनुसार चक काटने की प्रक्रिया चल रही है।