अग्निदेव को साक्षी मान एक दूसरे के हुए नव-युगल

जासं औरैया शहर के मुहल्ला महावीरगंज में काली माता मंदिर मार्ग पर एक गेस्ट हाउस में बु

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:03 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:03 PM (IST)
अग्निदेव को साक्षी मान एक दूसरे के हुए नव-युगल
अग्निदेव को साक्षी मान एक दूसरे के हुए नव-युगल

जासं, औरैया: शहर के मुहल्ला महावीरगंज में काली माता मंदिर मार्ग पर एक गेस्ट हाउस में बुधवार को निर्धन सरल सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें सात नय युगलों ने मंडप की छत्र-छाया में अग्निदेव को साक्षी मानकर एक साथ दाम्पत्य जीवन गुजारने की संकल्प लिया।

भारत विकास परिषद की ओर से की गई इस अनूठी पहल में कृषि कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत की मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर वर-वधू को आशीर्वाद दिया। जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि रहे। सुबह 11 बजे शुरू हुई वर यात्रा सुभाष चौक पर पहुंची। सात रथों पर सवार दूल्हा के आगे बैंडबाजों की धुनों पर युवा थिरकते नजर आए। शहर की सड़कों पर सामाजिक एकता व समरसता की गूंज सुनाई दी। सात नव युगलों को दाम्पत्य सूत्र बंधन में बांध जीवन भर साथ निभाने के संकल्प में आचार्यों की भूमिका निभाई। उन्होंने अलग-अलग बनाए गए मंडप की छत्र-छाया में शास्त्रोक्ति विधि-विधान से विवाह की सभी रस्में पूरी कराईं। सभी कन्याओं को गृहस्थी का सामान भेंट स्वरूप प्रदान किया गया। वर कन्या पक्ष के लोगों के लिए भोजन नाश्ते की व्यवस्था की गई है। विवाह में परिषद् के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर बी श्रीवास्तव, राष्ट्रीय महामंत्री मुकेश जैन, राष्ट्रीय सचिव बीबी जुनेजा के अलावा प्रांतीय अध्यक्ष अमित अग्रवाल,राधेश्याम अग्रहरि भी शामिल हुए।

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बेटी बोझ नहीं, सामूहिक विवाह ने कराया अहसास

बेटी पिता-माता पर बोझ नहीं होती, बल्कि वह तो दो घरों को संवारने का दायित्व पूरे जीवन निर्वहन करती है। ससुराल व मायके पक्ष में सामंजस्य की परिधि में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती रहती है। निर्धन सरल सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत जयमाला के बाद बेहद सुखद सपनों को संजोए नव युगल अंकुश व मुस्कान से यह बात कही। अंकुश का कहना है कि यह पहल समाज में परिवर्तन की दिशा में भारत विकास परिषद का अनूठा कदम है। गांव समरथपुर निवासी बेटी मुस्कान के पिता वीरेश का कहना है कि बेटी को कभी भी बोझ नहीं समझना चाहिए। बेटी पिता व पति के घर की लक्ष्मी होती है। जिस घर में बेटियों को सम्मान मिलता है। वह घर सुख समृद्धि से भरपूर रहता है।

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