'उपचार गृह' तो है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं नदारद
संवाद सूत्र अछल्दा कोविड की तीसरी लहर की तैयारियों पर सरकार जोर दे रही है। किसी भी
संवाद सूत्र, अछल्दा: कोविड की तीसरी लहर की तैयारियों पर सरकार जोर दे रही है। किसी भी तरह की कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में जनता तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की मंशा भी है। इसे पूरा करने में संसाधन विहीन जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र(पीएचसी) शायद सफल नहीं हो पाएंगे। कई केंद्र तमाम समस्याओं के मकड़जाल में फंसे हुए हैं। जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना सिर्फ एक कल्पना मात्र है। स्वास्थ्य सुविधाओं का दंभ भरने वाला 'सिस्टम' धड़ाम होते दिख रहा है।
अछल्दा क्षेत्र के अंतर्गत मोहम्मदाबाद में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संसाधन विहीन है। महिला चिकित्सक व एएनएम की तैनाती नहीं है। प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती के लिए केंद्र सिर्फ रेफर सेंटर का काम कर रहा है। सीएचसी भेज दिया जाता है। यहां पर प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था नहीं है। परिसर व आवासों के आसपास बड़ी-बड़ी घास हैं। परिसर में स्थापित पानी की टंकी शोपीस बनी हुई है। सबमर्सिबल के पाइप जीर्ण शीर्ण हो चुके हैं। टंकी में पाइप लाइन से कनेक्शन नहीं है। स्वास्थ्य कर्मियों व आने वाले मरीज व तीमारदारों को पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। गांव से बोतलों में भरकर पानी लाया जाता है। आवासों के दरवाजे, फर्श जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं। अस्पताल में पंखे न होने की वजह से गर्मी में हालत खराब है। स्वस्थ्य व्यक्ति भी एक घंटे के लिए अंदर बैठ जाए तो बीमार हो जाएगा। इंडिया मार्का हैंडपंप कई वर्षों से खराब है। विभाग को कई बार लिखा गया पर ध्यान किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां तैनात डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि चार बेड का यह केंद्र है। संसाधन पर्याप्त नहीं हैं। सीएचसी अधीक्षक डॉ. सिद्धार्थ वर्मा का कहना है कि विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराकर कमियों को दूर किया जाएगा।