दिल की धड़कने रोक सकता है बीड़ी, सिगरेट का धुआं

जागरण संवाददाता औरैया कई बार लोग खुद धूम्रपान नहीं करते हैं। लेकिन नशे के आदी दोस्तो

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Mar 2021 06:43 PM (IST) Updated:Tue, 09 Mar 2021 06:43 PM (IST)
दिल की धड़कने रोक सकता है बीड़ी, सिगरेट का धुआं
दिल की धड़कने रोक सकता है बीड़ी, सिगरेट का धुआं

जागरण संवाददाता, औरैया : कई बार लोग खुद धूम्रपान नहीं करते हैं। लेकिन नशे के आदी दोस्तों, रिश्तेदारों व स्वजन के बीच रहकर दूसरों के धूम्रपान से धुएं का सेवन करते हैं। ऐसे लोगों में शायद यह भ्रम होगा कि धूम्रपान नहीं करते हैं तो उन्हें कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा नहीं है। लेकिन सेकेंड हैंड स्मोकिग भी उतनी ही खतरनाक है जितना कि खुद सिगरेट पीना। इससे आपके दिल को भी नुकसान हो सकता है। यह कहना है एसीएमओ व तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी का। यह बातें उन्होंने मार्च माह के दूसरे बुधवार को मनाए जाने वाले नो स्मोकिग डे की पूर्व संध्या पर कहीं।

नोडल अधिकारी डॉ. शिशिरपुरी ने कहा कि नो स्मोकिग डे पर जिला चिकित्सालय सहित जनपद की सभी सीएचसी पर 'धूम्रपान न करना है, न करने देना है' के लिए शपथ दिलाई जाएगी। साथ ही हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा। उन्होंने बताया 1984 से मार्च माह के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिग डे के रूप में मनाया जाता है। धूम्रपान की आदत से तौबा करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। सेकंड हैंड स्मोकिग से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है। क्योंकि उनके फेफड़े व अंग नाजुक होते हैं और प्रदूषण, धुएं या धूम्रपान के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इसका खामियाजा उन बच्चों को ज्यादा भुगतना पड़ता है। जिनके मां-बाप या इनमें से कोई एक स्वयं धूम्रपान करता है। संपर्क में रहने से बच्चों के दांतों संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। इससे बच्चों में कैंसर, सुगर, सांस संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। तंबाकू में करीब चार हजार केमिकल कंपाउंड होते हैं। जिनमें से लगभग 250 केमिकल्स आपकी जान ले सकते हैं। गर्भवती व छोटे बच्चों के लिए खतरनाक

100 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अस्मिता ने बताया कि सेकंड हैंड स्मोकिग गर्भवती व उसके बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है। धुएं के प्रभाव से बच्चे का विकास रुक जाता है, गर्भपात भी हो सकता है। धुएं की वजह से एसआइडीएस का खतरा बढ़ जाता है। इस रोग में पैदा हुए बच्चों की एक साल के अंदर बिना किसी कारण के मौत हो सकती है। कई बार बच्चा समय से पहले पैदा हो सकता है। बच्चे का वजन सामान्य से कम हो सकता है। उसके सीखने व समझने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। यदि मां खुद धूम्रपान करती है तो यह सारे खतरे कई गुना बढ़ जाते हैं।

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