औरैया की मां गमा देवी मंदिर

जासं औरैया मोहल्ला नरायनपुर स्थित मां गमा देवी मंदिर शहर का सबसे पुराना देवी मंदिर है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 06:21 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 06:21 PM (IST)
औरैया की  मां गमा देवी मंदिर
औरैया की मां गमा देवी मंदिर

जासं, औरैया: मोहल्ला नरायनपुर स्थित मां गमा देवी मंदिर शहर का सबसे पुराना देवी मंदिर है। जनपद के प्रसिद्ध मंदिरों में इसकी मान्यता है। यहां पर चैत्र व शारदीय नवरात्र में सुबह शाम भक्तों की भीड़ रहती है। पूरे नगर के देवी भक्त यहां अलावा भी श्रद्धालु अपनी मन्नतें मांगने के लिए आते हैं। मंदिर पर बच्चों के मुंडन आदि कई संस्कार भी होते हैं। नवरात्र में झंडा व जवारे चढ़ाने भी भक्त यहां आते हैं।

इतिहास:

करीब 500 वर्ष पुराने देवी मठ में मां की प्रतिमा स्थापित है। वीरान जंगल में मां का मंदिर अब शहर के मध्य है। भक्तों ने मठ को भव्य रूप प्रदान किया। यहां पर वर्ष में दो बार वृहद मां गमा देवी के नाम से मेला आयोजित होता था। शहर ही नहीं जनपद के हजारों भक्तों की आस्था यहां से आज भी जुड़ी हुई है।

कैसे पहुंचें:

दिबियापुर रोड पर सहकारी संघ तिराहे पर उतरकर पूर्व की तरफ आने वाले मार्ग से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। सुभाष चौक से महावीरगंज होते हुए मंदिर का रास्ता सुगम है। सुरान रोड से आने पर भी सीधा रास्ता मंदिर तक पहुंचता है।

विशेषता:

भक्तों का मानना है कि मां के दरबार से आज तक कोई भी भक्त निराश नहीं हुआ है। यहां दर्शन करने वाले हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है। भक्तों की हर परेशानी मां की चौखट पर मत्था टेकने से दूर होती है। माता रानी पूरे शहर के नए जोड़े शादी के बाद मां के दरबार में पूजन-अर्चन के लिए आते हैं।

मंदिर की पुजारी महिला:

पुजारी दुर्गेश का कहना है कि नवरात्र में नौ दिन तक मां का तरह-तरह के पुष्पों से श्रृंगार किया जाता है। सुबह शाम महाआरती में देवी भक्त शामिल होते हैं। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है। मंदिर में नौ दिन तक बच्चों के मुंडन, कर्ण छेदन आदि संस्कार होते हैं। हवन पूजन आदि कार्यक्रम का आयोजन होता है।

बोले श्रद्धालु:

मां गमा देवी मंदिर सिद्ध पीठ है। इसीलिए दूर-दूर से श्रद्धालु नवरात्र में मां के दर्शन के लिए आते हैं। साल में दोनों बार की नवरात्र में यहां भंडारे का भी आयोजन होता है। हजारों भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं। करीब 25 वर्ष से वह मां की पूजा आराधना कर रहे हैं। मां के दरबार में लगाई गई अर्जी पूरी हुई हैं।

-गोपाल दुबे, भक्त

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