मुंह में कपड़ा ठूंसने के बाद खुद ही टेप से बांधे थे हाथ-पैर

-आरएसएस पदाधिकारी ने खुद ही धातु को गर्म करके जलाई थी पीठ - पुलिस को बताया अपहर्ताआ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Jul 2020 10:58 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jul 2020 06:07 AM (IST)
मुंह में कपड़ा ठूंसने के बाद खुद ही टेप से बांधे थे हाथ-पैर
मुंह में कपड़ा ठूंसने के बाद खुद ही टेप से बांधे थे हाथ-पैर

-आरएसएस पदाधिकारी ने खुद ही धातु को गर्म करके जलाई थी पीठ

- पुलिस को बताया, अपहर्ताओं ने लगाया था पीठ में करंट जागरण संवाददाता, औरैया : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) लखनऊ के नगर कार्यवाह और प्रॉपर्टी डीलर अमित दुबे ने अपने रचे अपहरण के नाटक को सच साबित करने के लिए अपनी पीठ खुद जलाई थी। पुलिस की पूछताछ में उसने कबूल किया कि मथुरा के रिफाइनरी थाना क्षेत्र में मिलने से पहले उसने अपने मुंह में खुद कपड़ा ठूंसा था और टेप से हाथ-पैर बांध लिए थे। इससे पहले धातु को गर्म करके खुद ही अपनी पीठ जलाई थी और पुलिस को ये बताया था कि अपहर्ताओं ने करंट लगाया है।

एसपी सुनीति ने बताया कि औरैया के बाद अमित आगरा से मुजफ्फरनगर होते हुए हरिद्वार पहुंचा था। वहां ऋषिकेश और गौरीकुंड में कुछ दिन बिताए। खुद को अपहृत और बदमाशों द्वारा दी गई यातना साबित करने के लिए ही उसने धातु की पट्टी को गर्म किया और फिर पीठ के बल उस पर लेटकर बार-बार अपनी पीठ को जलाया और सीने पर भी निशान बनाए। हाथ-पैरों पर भी मारपीट के निशान बनाए ताकि ये लगे उसे मारपीट कर बिजली करंट लगाया गया है। मथुरा के चिकित्सक ने जब उसकी जांच की तो पता चला कि ये निशान करंट के नहीं बल्कि जलने के हैं। इसके बाद विवेचक इंस्पेक्टर शशांक राजपूत व स्वाट टीम ने अमित दुबे को साथ ले जाकर साक्ष्य एकत्रित किए। उन्होंने बताया कि अमित दुबे ने यह नाटक लेनदारों से बचने के लिए किया था। उसे जेल भेज दिया गया है।

--------------------- पहचान छिपाने के लिए अमित ने बदला था हुलिया

(सबहेड)

उधार के सवा करोड़ न चुकाने पड़े इसलिए आरएसएस पदाधिकारी ने किया अपहरण का नाटक

(क्रासर)

- पूर्व एमएलसी की बहन से भी लिए थे 10 लाख रुपये

- सिरिज से खून निकाल कपड़े व स्टेयरिग में डाला था जागरण संवाददाता, औरैया : जिले से गायब हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लखनऊ के नगर कार्यवाह अमित दुबे ने पूछताछ के दौरान राजफाश किया कि तकरीबन सवा करोड़ रुपये की उधारी न चुकानी पड़े इसलिए अपहरण का नाटक किया था। उसने पूर्व एमएलसी की बहन से भी करीब दस लाख रुपये उधार लिए थे। गाड़ी में मारपीट होना प्रतीत हो इसलिए उसने सिरिज से खून निकाल स्टेयरिग में डाल कपड़े के टुकड़े से उसको पोंछ लिया। औरैया से वह ऑटो से सूर्या होटल पहुंचा, इसके बाद आगरा फिर हरिद्वार पहुंचा। आगरा में उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए उसने मुंडन व सेविंग कराकर हुलिया बदल लिया।

कोतवाली में वार्ता के दौरान एसपी सुनीति ने बताया कि पांच जुलाई को औरैया-दिबियापुर रोड पर लखन वाटिका के सामने एक संदिग्ध कार खड़ी मिली थी। जिसमें चाबी लगी हुई थी, कार में एक मोबाइल, पर्स, कार में रक्त की छींटे, चप्पलें व रक्त रंजित रूमाल व शर्ट का कुछ भाग मिलने से किसी अपराध की आशंका हुई थी। अमित दुबे अपने दो भाइयों के साथ लखनऊ में प्रापर्टी डीलिग करते हैं। प्रारम्भिक जांच में सामने आया कि अमित ग्राम लक्ष्मणपुर पिलख, थाना मंगलपुर जनपद कानपुर देहात का मूल निवासी है, और वर्तमान में विजयन्त खण्ड, थाना गोमतीनगर, जनपद लखनऊ में किराए के घर में रहता है। विवेचना के दौरान पता चला कि अमित ने कई लोगों से कर्ज ले रखा था। उसी से बचने के लिए उसने पूरी कहानी बनाई। 20 जुलाई को जब अमित थाना रिफाइनरी जनपद मथुरा क्षेत्र में मिले तो निरीक्षक शशांक राजपूत उन्हें लेने के लिए मथुरा पहुंचे। पूछताछ के दौरान अमित ने पहले पुलिस को गुमराह किया। बाद में बताया कि करीब सवा करोड़ रुपये का कर्ज होने के कारण उसने पूरी कहानी रची। वह हरिद्वार में संतों के साथ वैसी ही भेष-भूसा बनाकर रह रहा था। लेकिन वह खुद की बनाई कहानी में ही फंस गए।

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इनसे लिया था उधार

पूर्व एमएलसी मानवेंद्र सिंह की गाजियाबाद निवासी बहन नीतू से भी अमित ने दस लाख रुपये उधार लिए थे। व्यापार में लगातार हो रहे घाटे से वह परेशान रहने लगा। पूर्व एमएलसी की बहन के अलावा डॉ. एसएस ठाकुर निवासी कोंच जनपद जालौन से 40 लाख, भूपेन्द्र सिंह निवासी बरौंदा कलां जनपद जालौन के 15 लाख, मोहित शंकर शुक्ला निवासी लक्ष्मणपुर पिलख जनपद कानपुर देहात से तीन लाख व सत्यनारायण उर्फ पं. बब्लू निवासी कंचौसी (कानपुर देहात-औरैया बॉर्डर का क्षेत्र) से आठ लाख रुपये उधार लिए थे।

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