यमुना जल स्तर पर प्रशासन की पैनी नजर
जागरण संवाददाता औरैया जून माह में मौसम में कई तरह के बदलाव नजर आ रहे हैं। मानसून क
जागरण संवाददाता, औरैया: जून माह में मौसम में कई तरह के बदलाव नजर आ रहे हैं। मानसून की आहट सुनते ही प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रदेश के कई हिस्सों में अच्छी खासी बारिश हुई है। ऐसे में यमुना नदी में जलस्तर में वृद्धि की स्थिति बनती है। इससे करीब आधा सैकड़ा से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। फसलों का नुकसान भी अधिक मात्रा में होता है। स्थितियां यहां तक बन जाती हैं कि गांव के लोगों का संपर्क जनपद से टूट जाता है। पूर्व में ही प्रशासन ने सारी व्यवस्थाएं जुटाने की कवायद तेज कर दी है।
मानसून का रुख स्पष्ट होते ही जिला प्रशासन सजग हो गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। जिम्मेदार अधिकारियों ने कार्ययोजना भी बना ली है। प्रति वर्ष बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों की व्यवस्था को भी परखना शुरू कर दिया है। यमुना नदी से सटे गांवों के निवासियों को अभी से ही सतर्क कर दिया गया है। जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से यमुना नदी के किनारों के घाटों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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कुल 38 गांवों में रहती बाढ़ की संभावना
तहसील अजीतमल द्वारा तैयार किए गए सर्वेक्षण के सूत्रों की मानें तो यमुना में बाढ़ आने से तहसील क्षेत्र के कुल 38 गांवों प्रभावित होने की संभावना रहती है। जिसमें अति प्रभावित होने वाले 15 गांवों के 1625 परिवारों में 9508 लोग अधिक प्रभावित होंगे।
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यमुना में बाढ़ आने पर अति प्रभावित होने वाले 15 गांव- बड़ैरा, गोहानी कलां, सिकरोड़ी, बंशियापुर, बरदौली, मिश्रपुर मानिकचंद, फरिहा, जाजपुर, गोहानी खुर्द, कैथोली, गूॅज, असेवा, जुहीखा, बीझलपुर, ततारपुर कलां। कम प्रभावित 13 गांव- नखतपुर, रामनगर, रामपुर प्रतापसिंह, सढ़रापुर, असेवटा, नगला बनारस, सिखरना, मलगंवा, बबाइन, पहाड़पुर, मेरेरंगरंगउआ, महेवा, भरतौल, की सूची तहसील प्रशासन द्वारा तैयार की गई है।