एक ऐसा स्कूल, जहां गांव के सौ फीसद बच्चे अध्ययनरत
जागरण संवाददाता औरैया शासन की मंशा कुछ इस तरह है कि जब एक मार्च को विद्यालय खुलें तो
जागरण संवाददाता, औरैया : शासन की मंशा कुछ इस तरह है कि जब एक मार्च को विद्यालय खुलें तो उनकी साज सज्जा बेहतरीन हो। जो अपनी अलग छाप छोड़ते नजर आएं। ऐसा ही एक स्कूल गांव बरीपुर माफी में संचालित है,जो हमेशा साज सज्जा व स्वच्छता की संजोए रहता है। सभी कक्षाओं में प्रिट रिच मैटेरियल के साथ विभिन्न प्रकार के टीएलएम भी लगाए गए हैं। इस गांव के सौ फीसद बच्चे स्कूल में ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
सदर विकास खंड के गांव बरीपुर माफी का प्राथमिक स्कूल आज भी बाउंड्रीविहीन है। लेकिन अत्यंत छोटा स्कूल विभिन्न प्रकार के नवाचारों, स्वच्छता, अनुशासन व संस्कारित शिक्षा के लिए जनपद में अपनी पहचान बना रहा है। सन 2018 में भारत सरकार से स्वच्छ विद्यालय का पुरस्कार भी मिल चुका है। शिक्षा के क्षेत्र में नए नवाचार करने की वजह से विद्यालय के प्रधानाध्यापक नवीन पोरवाल को विभिन्न मंचों पर जनपद व राज्य स्तर पर भी सम्मानित किया जा चुका है। बरीपुर माफी गांव का कोई भी बच्चा सरकारी स्कूल के अलावा अन्य निजी स्कूल में नहीं पढ़ता है। चाहे वह शिक्षक का बच्चा हो या जमींदार का। सभी बच्चे इसी स्कूल में ही पढ़ते हैं। गांव वालों का कहना है कि जब से नवीन पोरवाल प्रधानाध्यापक गांव आए हैं। तब से कान्वेंट स्कूलों में जाने वाले बच्चों का प्रवेश इसी स्कूल में है। प्रधानाध्यापक का कहना है कि अब आसपास के गांव के लोग भी अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए संपर्क कर रहे हैं। लेकिन दो कमरों का ही स्कूल होने की वजह से प्रवेश लेने में असमर्थ हो जाते हैं। चूंकि लगभग एक साल से विद्यालय में बच्चे नहीं आ रहे हैं। अब एक मार्च से बच्चे आएंगे तो इसके लिए पूरा स्टाफ बहुत अधिक उत्साहित है। पूरे विद्यालय परिवार ने कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य के पुख्ता इंतजाम किए हैं। शासन के निर्देशानुसार पूरा विद्यालय तैयार है ।