सब रोगों की एक दवा, मौन रहकर पियो हवा
जागरण संवाददाता औरैया हम सब स्वस्थ कैसे रहें यह बात आज समझ से परे हो रही है। जिधर
जागरण संवाददाता, औरैया: हम सब स्वस्थ कैसे रहें, यह बात आज समझ से परे हो रही है। जिधर देखो उधर उथल-पुथल की स्थिति बन रही है। ऐसे में दैनिक दिनचर्या बिगड़ती चली जा रही है। महंगी चिकित्सा प्रणाली व आधुनिक जीवन शैली ने असमानता के दौर में समाज का हरेक व्यक्ति परेशान है। ऐसे में स्वस्थ व्रत के नियम भी करें और स्वयं के अस्तित्व की समझ आपदा के दौर में आनी ही चाहिए। छोटी-छोटी बातों को लेकर जब मन मस्तिष्क आज के वातावरण की ओर ध्यान देता है तो वह शारीरिक रूप से परेशान होने लगता है। इसकी एकमात्र दवा योग ही है। जिससे हम निरोगी काया रख सकते हैं।
आज हम सब स्वास्थ्य के प्रति जिस तरह सजग हैं। उसकी मुख्य वजह भारतीय प्राचीन योग विद्या ही है। जिसका लगभग 196 देशों में डंका बज रहा है और महामारी के दौर में मानव कल्याण के लिए इस तरह की गतिविधियां हम भारतीयों के लिए गर्व और गौरव की बात है। महामारी से पूर्व योग व प्राकृतिक चिकित्सा से बिना दवा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे लोगों को कोरोना काल में भी स्वास्थ्य संबंधी किसी भी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ा। इसे सुनकर आपको आश्चर्य जरूर हो रहा होगा, लेकिन यह कटु सत्य है। आओ हम सब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर इसे अपनाने का संकल्प लें..।
योग से हो गया सब कुछ आसान:
कीर्ति पोरवाल का कहना है कि नियमित योग जरूरी है। बल्लापुर निवासी मोहनी पांडे बताती हैं कि योग वेलनेस सेंटर की गतिविधियों को जानने के उपरांत महामारी के दौर में वर्चुअल आनलाइन योग कक्षा के माध्यम से जो स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हुआ। उसे सलाह वह दूसरों को भी दे रही हैं। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होने के साथ नियमित अभ्यासक्रम के दौरान हलासन-नौकासन का अभ्यास करते हुए पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हैं।