मर गए 19 राष्ट्रीय पक्षी, फिर भी कारण स्पष्ट नहीं

जागरण संवाददाता औरैया जिले में मोरों का शिकार तेजी से हो रहा है। तीन महीने में कर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:29 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:29 PM (IST)
मर गए 19 राष्ट्रीय पक्षी, फिर भी कारण स्पष्ट नहीं
मर गए 19 राष्ट्रीय पक्षी, फिर भी कारण स्पष्ट नहीं

जागरण संवाददाता, औरैया: जिले में मोरों का शिकार तेजी से हो रहा है। तीन महीने में करीब 18 मोरों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मृत मोर एरवाकटरा थाना क्षेत्र में मिले। इसके बाद बिधूना व दिबियापुर थाना क्षेत्र में मोरों के शव मिले थे। इसके पीछे का कारण अलग-अलग बताए जा रहे। कोई ठोस कारण न तो पशु चिकित्साधिकारी बता रहे और न वन विभाग के अधिकारी। जबकि मोरों का शिकार तेजी से हो रहा है।

राष्ट्रीय पक्षियों पर शिकारियों ने नजरें गड़ा दी हैं। छह जून को एरवाकटरा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत एरवाटीकुर के मजरा तकिया में नौ राष्ट्रीय पक्षी के शव मिले थे। इसमें सात मादा व तीन नर थे। घटना के तीसरे दिन पूर्व घटनास्थल से कुछ दूरी पर तीन और मोरों के शव मिले। तीनों नर थे। मोरों के पंख उखड़े हुए थे। वन विभाग के अधिकारियों के पास घटना को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं। वहीं इस घटना से पूर्व 14 मई पूर्व दिबियापुर थाना क्षेत्र में मोरों के शव मिले थे। भाग्यनगर ब्लाक के सेहुद पंचायत के मजरा बरमुपुर स्थित बगिया में छह मोरों के शव मिले। इतना ही नहीं, दो दिन पूर्व बिधूना थाना क्षेत्र में एक मृत मोर मिला। इसमें तीन आरोपित हिरासत में लिए गए। पशु चिकित्साधिकारी डाक्टर नरेन्द्र कुमार सिंह का पूर्व में मिले मोरों के शव को लेकर कहना था कि मोरों का झुंड होता है। इसमें यदि एक मोर की मृत्यु हो जाती है तो और मोर सिर पटक-पटक जान दे देते हैं। उधर, बिधूना में मृत मिले मोर को लेकर पशु चिकित्साधिकारी डाक्टर एनएन शुक्ल का कहना है कि घटनास्थल पर मांस मिला है। जिसे जांच के लिए देहरादून की एक लैब भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ पता लग सकेगा।

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