15 से 18 घंटे का शेड्यूल, बावजूद 10 घंटे बिजली
संवाद सूत्र बेला शहरी क्षेत्र ही नहीं शेड्यूल के तहत ग्रामीण अंचलों में भी उपभोक्ताओं को बि
संवाद सूत्र, बेला: शहरी क्षेत्र ही नहीं शेड्यूल के तहत ग्रामीण अंचलों में भी उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल रही। 15 से 18 घंटे का शेड्यूल होते हुए महज 10 घंटे ही आपूर्ति मिल रही है। इसके पीछे की मुख्य ट्रिपिग की समस्या है। जिस कारण दिन व रात उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बेला 33/11 विद्युत उपकेंद्र की बात की जाए तो ट्रिपिग होने से बिजली की आपूर्ति सुचारू नहीं हो पाती। ग्रामीणों का कहना है कि हद से 10 घंटे ही बिजली आती है। यह आपूर्ति भी कभी कभी नहीं मिल पाती। कारण, गर्मी की वजह से बिजली की ज्यादा खपत होने के कारण गांवों में लगे ट्रांसफार्मर व उपकेंद्र के फीडर ओवरलोड होने से फाल्ट बढ़ जाते हैं। इसके चलते बिजली गुल हो जाती है। बेला उपकेंद्र से लगभग एक सैकड़ा गावों को बिजली आपूर्ति दी जाती है। एक हफ्ते से दिन और शाम में रोजाना फाल्ट की समस्या हो रही है। इसमें घंटों बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। उपभोक्ताओं में प्रदीप पोरवाल, राजेश मिश्रा, ग्रीश नायक, सुभाष सैनी, एस के शुक्ल, योगेश मिश्रा आदि का कहना है कि शेड्यूल के तहत आपूर्ति नहीं मिलती। बेला उपकेंद्र को बिधूना से आपूर्ति दी जाती है। जिस लाइन से बेला उपकेंद्र को आपूर्ति मिलती है। इससे एरवाकटरा, कैथावा सहित बेला को आपूर्ति दी जाती है। एक उपकेंद्र की विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर तीनों उपकेंद्रों की लाइन ठप हो जाती है।
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बोले जिम्मेदार..
अवर अभियंता नरेंद्र गौतम का कहना है कि बीते कुछ दिनों से मौसम का रुख बदला है। हवा तेज चलने की वजह से ट्रिपिग की समस्या होती है। शेडयूल के तहत ग्रामीण उपभोक्ताओं को बिजली मुहैया हो सके, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।